धर्मसभा में संत ने कहा कि किसी भी सनातनी मंदिर का अधिग्रहण करना घोर अन्याय और धार्मिक भावनाओं का अपमान है। इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

वृंदावन में धर्म रक्षा संघ की एक विशेष धर्म सभा का आयोजन शनिवार को हनुमान टेकरी आश्रम, वृंदावन में किया गया। अध्यक्षता महंत दशरथ दास महाराज ने की। धर्म सभा में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा एक अध्यादेश जारी कर बांकेबिहारी मंदिर के अधिग्रहण और सरकारीकरण की संभावित कार्रवाई पर विरोध दर्ज किया गया। संतों और ब्रजवासियों ने इस निर्णय को तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
धर्म रक्षा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा कि संघ ने 2015-16 में भी अखिलेश सरकार द्वारा बांकेबिहारी और विंध्याचल मंदिर के अधिग्रहण का पुरजोर विरोध किया था और अंततः सरकार को अपना आदेश वापस लेना पड़ा था। राष्ट्रीय संगठन मंत्री आचार्य ज्ञानेश महाराज ने कहा कि किसी भी सनातनी मंदिर का अधिग्रहण करना घोर अन्याय और धार्मिक भावनाओं का अपमान है।
महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज ने तीखा बयान देते हुए कहा कि भारत वर्ष में किसी भी मंदिर का सरकारी अधिग्रहण औरंगजेबी कार्रवाई के समान है। सरकार का उद्देश्य मंदिरों की आमदनी पर नियंत्रण पाकर उसमें भ्रष्टाचार करना है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
महामंडलेश्वर स्वामी डॉ. आदित्यानंद महाराज, महंत मधु मंगल शुक्ला, महंत देवानंद महाराज, श्रीदास प्रजापति, अजय शर्मा, अमरेश पुण्डीर, समीर शुक्ला, नीरज गौतम, गोविंद खंडेलवाल, आकाश गोस्वामी, आलोक शर्मा, देव गोस्वामी आदि मौजूद थे।