रामलला के धाम को सजाने का काम अब बस चार महीने में पूरा हो जाएगा। अक्टूबर तक परकोटा समेत अन्य कई प्रकल्पों का निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। नवंबर में ध्वजारोहण किया जाएगा।

रामनगरी अयोध्या स्थित श्रीराम जन्मभूमि परिसर का कायाकल्प अब अंतिम चरण में है। परिसर को सजाने-संवारने, दिव्यता प्रदान करने का काम चार महीने यानी अक्टूबर के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद नवंबर में राम मंदिर समेत परिसर के सभी उप मंदिरों के शिखर पर ध्वजा लगाई जाएगी। इसके लिए वृहद स्तर पर ध्वजारोहण समारोह का आयोजन करने की तैयारी है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से शुक्रवार को मीडियाकर्मियों को रामलला व राम दरबार के दर्शन कराए गए। साथ ही मंदिर निर्माण के कार्यों की जानकारी दी गई। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर परिसर के 70 एकड़ में आस्था व संस्कृति का विराट स्वरूप तेजी से आकार ले रहा है।
परिसर में चल रहे कार्यों में तीन हजार से अधिक श्रमिक जुटे हैं। चार माह के भीतर परिसर के अधिकांश काम पूरे हो जाएंगे। इसके बाद श्रद्धालु एक ऐसा परिसर देख सकेंगे, जहां दिव्यता, श्रद्धा, सुरक्षा और सौंदर्य का अद्वितीय समन्वय होगा। राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। राम मंदिर के भूतल पर विराजमान बालक राम व प्रथम तल पर विराजमान राम दरबार के दर्शन भी शुरू हो गए हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा सप्त मंडपम के निर्माण का काम भी पूरा हो चुका है। परकोटा व शेषावतार मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। परकोटा का करीब 70 फीसदी व शेषावतार मंदिर का 75 फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। सप्तमंडपम व परकोटा के मंदिरों में राग-भोग, आरती-पूजा भी चल रही है।