उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि और सोमवार के दिन बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया। मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि सुबह चार बजे जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, पुजारियों ने सबसे पहले गर्भगृह में विराजित सभी देवी-देवताओं की पूजा की। इसके बाद बाबा महाकाल का जलाभिषेक किया गया। जलाभिषेक में दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत का उपयोग हुआ। फिर ‘हरि ओम’ नाम के जल से अर्पण किया गया और प्रथम घंटाल बजाया गया।

जलाभिषेक के बाद कपूर की आरती की गई और बाबा को फूलों की मालाएं पहनाई गईं। आज के श्रृंगार की खास बात यह रही कि बाबा को अलग-अलग तरह की फूलों की मालाएं अर्पित की गईं, जिससे उनका स्वरूप सेहरे की तरह लग रहा था। पंचामृत स्नान के बाद बाबा का भांग से श्रृंगार किया गया।

श्रृंगार के बाद महाकाल ज्योतिर्लिंग को महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा भस्म अर्पित की गई और फिर कपूर आरती कर भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। सभी ने बाबा महाकाल के इस दिव्य रूप के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया। दर्शन के दौरान पूरा वातावरण “जय श्री महाकाल” के जयकारों से गूंज उठा।

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