500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद प्रभु श्रीराम अपने भव्य स्वरूप में राम मंदिर में विराजमान हो गए। 51 इंच की श्यामल प्रतिमा में विधि विधान के साथ प्राण फूंककर उनकी प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस मौके पर गर्भगृह में मुख्य यजमान अनिल मिश्रा के अलावा संघ प्रमुख मोहन भागवत मौजूद रहे। प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत सभी ने श्रीरामलला के विग्रह की परिक्रमा की।