अयोध्या। रामनगरी में विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाएं विकसित करने का अंतिम ग्राफ खींचा जा चुका है। सरयू के किनारे गुप्तारघाट से राजघाट तक रिवर फ्रंट के बगल में 2300 एकड़ में रामायण कालीन थीम पर आध्यात्मिक वन विकसित किया जाएगा। इसमें सरयू किनारे का इलाका सिंगापुर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा।

इंट्री मार्ग राजघाट से लेकर गुप्तारघाट के बीच में वृक्षों से ही भगवान श्रीराम की जीवन यात्रा को दर्शाया जाएगा। इंट्री मार्ग से भगवान श्रीराम के जन्म काल से लेकर वन गमन, अयोध्या वापसी व गुप्तार घाट पर गुप्त होने तक का चित्रण किया जाएगा। इंट्री मार्ग से लेकर अंत तक पूरा चार घंटे तक पर्यटकों रिझाने के संपूर्ण संसाधन मौजूद होंगे। योजना को विजन डॉक्यूमेंट के तहत मंजूरी मिल चुकी है। कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाने की तैयारी चल रही है।

अयोध्या को आध्यात्मिक मेगा सिटी के रूप में विकसित किए जाने का विजन डॉक्यूूमेंट तैयार हो गया है। इसमें सरयू किनारे को पर्यटकों की दृष्टि से आध्यात्मिक रूप में विकसित किया जाना है। सरयू किनारे बनने वाले रिवर फ्रंट के बगल से रामायण कालीन तर्ज पर आध्यात्मिक वन बनाया जाएगा। इसके लिए राजघाट से लेकर गुप्तार घाट तक इलाके को चुना गया है।
यह पूरा क्षेत्र 2300 एकड़ का है। इसमें सरकारी भूमि 450 एकड़ के आसपास है। इसके अलावा शेष भूमि किसानों या अन्य लोगों की है। इसके लिए फाइनल डीपीआर तैयार हो रहा है। तैयारी यह है कि भूमि का अधिग्रहण करके 50 वर्षों के लिए लीज पर लिया जाएगा। इसके लिए पीपीपी मॉडल का सहारा लिया जाएगा।
इसकी तैयारी में अयोध्या विकास प्राधिकरण जुटा हुआ है। विकास प्राधिकरण की कोशिश है कि इसको किसी इंटरनेशनल कार्यदायी संस्था से विकसित कराया जाएगा। इसके लिए मेमो तैयार कर लिया गया है। जल्द ही इसके लिए विकास प्राधिकरण संस्था का चयन करने की तैयारी लगी है। योजना के अनुसार सरयू नदी के किनारे का इलाके सिंगापुर की तर्ज पर विकसित किया जाना चाहिए।
बाढ़ के जाने के बाद फिर पूर्व की तर्ज पर किनारे नजर आने लगे। इसके साथ ही इस बात पर भी पूरा फोकस है कि वन आध्यात्मिकता से पूरी तरह परिपूर्ण होना चाहिए, जो पर्यटकों व दर्शकों को रिझाने में पूरी तरह से कामयाब हो। अयोध्या में गुप्तारघाट से लेकर नया घाट तक का 450 एकड़ सरकारी भूमि है। इसके साथ ही कुछ भूमि किसानों की व कुछ भूमि जमींदारों की है।
इसके अलावा अन्य भूमि पर बड़ी तादात में अवैध लोगों ने कब्जा करके मकान बना रखा है जबकि यह इलाका डूब क्षेत्र में है। अयोध्या विकास प्राधिकरण जल्द ही पूरे इलाके में विशेेष अभियान चलाने वाला है, इसमें डूब क्षेत्र में बिना नक्शा पास हुए मकान बनाने वालों पर शिकंजा कसा जाएगा। इसके साथ ही अवैध मकानों के ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।
अयोध्या के विकास के विजन डॉक्यूमेट में सरयू किनारे 2300 एकड़ में रामायण कालीन थीम पर आध्यात्मिक वन बनाया जाएगा। इसमें भगवान राम की जीवन यात्रा की झलक दिखाई देगी। योजना पर कार्य शुरू हो गया है, जल्द ही संस्था का चयन कर योजना को अमली जामा पहनाया जाएगा।- विशाल सिंह, वीसी अयोध्या विकास प्राधिकरण

 

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