प्रयागराज हादसे के बाद वाराणसी समेत पूर्वांचल के नौ जिलों की सीमाएं 12 घंटे तक सील रहीं। इस दौरान अफसर खुद सड़क पर उतरे और भीड़ नियंत्रित करते दिखे।

हादसे के बाद प्रयागराज महाकुंभ की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पूर्वांचल के 9 जिलों की सीमाएं बुधवार को 12 घंटे (सुबह 5 बजे से शाम 5 बजे तक) तक सील रहीं। सोनभद्र में यूपी के अलावा चार राज्यों उड़ीसा, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ से आने वाले श्रद्धालुओं के 2500 वाहन रोके गए। इन वाहनों को डायवर्ट करके मिर्जापुर की तरफ से निकाला गया। अकेले भदोही में ही प्रयागराज जाने वाले पांच हजार से ज्यादा वाहन रोके गए। इन वाहनों को पांच होल्डिंग एरिया और हाईवे पर चार जगह खड़े कराए गए। शाम करीब पांच बजे वाहनों को छोड़ा गया। डायवर्जन से हाईवे पर जबरदस्त जाम लगा रहा। सोनभद्र में 30 किलोमीटर और बलिया में 18 किलोमीटर लंबा जाम लगा।
जौनपुर के डीएम ने टोल प्लाजा फ्री कराया
जाम और वाहनों के दबाव को देखते हुए ही जौनपुर के डीएम दिनेश चंद्र ने प्रयागराज से मछलीशहर की तरफ आने वाले वाहनों के लिए कुंअरपुर टोल प्लाजा को फ्री करा दिया। शुल्क जमा कराए बगैर ही वाहनों को टोल प्लाजा से निकाला गया। डीएम करीब दस घंटे तक मुंगरवादशाहपुर में डटे रहे। उनकी मौजूदगी में ही बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन को रोके गए। श्रद्धालुओं के खान-पान की व्यवस्था की गई।
मिर्जापुर में बुधवार की अलसुबह से ही प्रयागराज जाने वाले तीन प्रमुख मार्ग पर वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अदलहाट टोल प्लाजा के पास भी वाहन रोके गए। इससे एमपी की तरफ करीब चार किमी दूर हनुमना से आगे तक जाम लगा रहा। चंदौली में बिहार से प्रयागराज जाने वाली बसें रोकी गईं। ट्रक और ट्रैक्टर से भी श्रद्धालुओं को नहीं जाने दिया गया। यूपी की सीमा में प्रवेश पर रोक से नौबतपुर सीमा पर वाहनों की कतार लग गई।