अपार्टमेंट निवासियों के विरोध पर संत प्रेमानंद ने अपनी पदयात्रा अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी थी। ऐसे में उनके भक्तों में निराशा थी। लेकिन भक्तों की भावना को देखते हुए संत प्रेमानंद ने दर्शन देने का फैसला लिया है।

मथुरा के वृंदावन में संत प्रेमानंद महाराज को कोई भगवान मानता है तो कोई गुरु। उनकी एक झलक पाने के लिए लोग घंटों इंतजार करते हैं। उनके आशीर्वाद के लिए अनुयायी बड़ी संख्या में उनके साथ पैदल यात्रा में शामिल होते हैं। कुछ लोगों के विरोध के बाद संत प्रेमानंद ने प्रतिदिन रात दो बजे करने वाली पदयात्रा के बजाय भोर में चार बजे केली कुंज आश्रम के बाहर गली में पैदल चलकर अपने अनुयायियों को दर्शन देने का फैसला किया है।