चैत्र नवरात्र का शुभारंभ रविवार से हाे रहा है। इस बार नवरात्र में विशेष योग बन रहे हैं। साथ ही यह भी बताया गया कि मां शक्ति की आराधना के लिए यह विशेष अवसर है।

मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना के लिए चैत्र नवरात्र का शुभारंभ रविवार से हो रहा है। शेर की सवारी छोड़ मां इस बार हाथी पर सवार होकर आएंगी। इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग, ऐंद्र योग, बुधादित्य योग, शुक्रादित्य योग और लक्ष्मीनारायण योग बन रहे हैं। ये लाभदायक और उन्नतिकारक योग हैं। मां शक्ति की आराधना के लिए यह विशेष अवसर है। नवरात्र में की गई पूजा से मां जल्दी प्रसन्न होकर अपने भक्तों का उद्धार करती हैं। नवरात्र में महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती सहित दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार आठ दिन ही व्रत रखे जाएंगे। नवरात्र में तृतीया तिथि का क्षय हो रहा है।
विशेष तिथियां
दुर्गाष्टमी – शनिवार 5 अप्रैल
रामनवमी – रविवार 6 अप्रैल
नवरात्र पूजन तिथियां
30 मार्च : मां शैलपुत्री- प्रतिपदा
31 मार्च : मां ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा- द्वितीया और तृतीया तिथि का क्षय
एक अप्रैल : मां कूष्मांडा- चतुर्थी
दो अप्रैल : मां स्कंदमाता- पंचमी
तीन अप्रैल : मां कात्यायनी- षष्ठी
चार अप्रैल : मां कालरात्रि- सप्तमी
पांच अप्रैल : मां महागौरी- अष्टमी
छह अप्रैल : मां सिद्धिदात्री- नवमी
सात अप्रैल : नवरात्र समापन- दशमी
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त: रविवार 30 मार्च प्रथम नवरात्र पर
पहला शुभ मुहूर्त: स्थिर कुंभ लग्न के संयोग में सूर्योदय से लेकर प्रातः 07:33 बजे तक
दूसरा शुभ मुहूर्त: लाभामृत की चौघड़िया प्रातः 09:20 से 12:25 बजे तक
विशेष और शुभ अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:01 से 12: 45 बजे तक