नव संवत्सर नौ अप्रैल से शुरू हो रहा है। इस संवत का नाम काल युग होगा। इसके राजा मंगल और मंत्री शनि होंगे। ज्योतिषाचार्य इसे कई नजरिए से अशुभ संकेत मान रहे हैं। कई ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस संवत में बहुत कष्ट आएंगे। वहीं कुछ विद्वानों ने इसे कई राशियों के लिए शुभकारी बताया है। इस संवत में आर्थिक उन्नति तो देखने को मिलेगी, लेकिन माहौल उथल-पुथल का रहेगा। भारतीय प्राचीन विधा सोसायटी कनखल हरिद्वार के ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी ने बताया कि आषाढ़ कृष्ण पक्ष 13 दिनों का होगा। इस बार शुक्र, गुरु अस्त उदय होंगे, इसलिए 57 विवाह मुहूर्त ही होंगे। इसमें भी कई अपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि इस बार चार ग्रहण होंगे, लेकिन एक भी ग्रहण भारत में दिखाई नही देगा। ऐसा 125 वर्ष बाद होगा जब एक भी ग्रहण भारत में नहीं होगा। इस संवत में 29 जनवरी को कुंभ स्नान प्रयागराज में होगा।
तीन बहुत ही शुभ योग में
ज्योतिषों के मुताबिक नव संवत की शुरुआत में तीन बेहद शुभयोग बनते दिख रहे हैं। ये हैं शश महापुरुष योग, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग। नव संवत में सभी 12 राशियों के लिए कुछ न कुछ शुभ है। मेष, मिथुन, सिंह, धनु के लिए यह संवत बेहद शुभ रहेगा। अन्य राशियों के लिए सामान्य, जबकि मकर, कुंभ, मीन पर शनि की साढ़े साती, वृश्चिक, कर्क राशि वालों पर ढैय्या का प्रभाव रहेगा।