मां अन्नपूर्णा के 17 दिवसीय महाव्रत का उद्यापन बुधवार को हुआ। इस दौरान मां का दरबार धान की बालियों से सजाया गया। वहीं मां का एक दर्शन पाने के लिए श्रद्धालु बेताब दिखे।

मां अन्नपूर्णा के 17 दिवसीय महाव्रत का समापन बुधवार को हुआ। इस दौरान किसान अपने फसल की पहली धान की बाली मां को अर्पित किए। इन दौरान मंदिर परिसर में दिनभर भक्तों की कतार लगी रही। श्रद्धालु मां का एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे।
मां अन्नपूर्णा के मंदिर में मां के साथ ही अन्य विग्रहों का भी धान की बालियों से शृंगार किया गया। काशी में स्थित अन्नपूर्णा माता मंदिर को कई कुंतल धान की बालियों से सजाया गया है।
इस कठिन व्रत में भक्त 17 गांठ और 17 धागे धारण कर, पूरे 17 दिन केवल एक समय फलाहार (नमक‑रहित) ही ग्रहण करते हैं।

उद्यापन के दिन मंदिर परिसर को धान की बालियों से शृंगारित किया गया और मां अन्नपूर्णा को विशेष आरती एवं भोग अर्पित किया गया।
