साल का पहला और अंतिम चंद्रग्रहण भाद्रपक्ष शुक्ल पूर्णिमा पर यानी सात सितंबर को लग रहा है। दो साल के अंतराल के बाद भारत में चंद्रग्रहण देखा जाएगा। यह ग्रहण शुरुआत से अंत तक पूरे भारत में नजर आएगा। साढ़े तीन घंटे की अवधि का यह खंडग्रास चंद्रग्रहण पितृपक्ष की पूर्व रात्रि पर पूरे देश में एक साथ देखा जा सकेगा। सात सितंबर को ये चंद्रग्रहण कुंभ राशि और शतभिषा नक्षत्र में लगेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी ने बताया कि इसके पूर्व भारत में दृश्य ग्रहण अश्विन शुक्ल पूर्णिमा पर 28 अक्तूबर 2023 को लगा था, जबकि 2024 में भारत में कोई भी ग्रहण दृश्यमान नहीं था। इस साल सात सितंबर को ये दृश्यमान चंद्रग्रहण लगेगा।
भारतीय समयानुसार ग्रहण का प्रारंभ रात 9:57 बजे होगा। ग्रहण का मध्य काल रात 11:41 बजे और मोक्ष काल रात 1:27 बजे होगा। ग्रहण का स्पर्श, मध्य व मोक्ष संपूर्ण भारत में दृश्यमान रहेगा। यह ग्रहण भारत के अतिरिक्त पश्चिमी प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, पूर्वी अटलांटिक महासागर, अंटार्कटिका, एशिया, आॅस्ट्रेलिया, यूरोप आदि में दिखाई देगा।
ग्रहण के सूतक काल के बारे में शास्त्रों में उल्लिखित है कि चंद्रग्रहण में ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक लग जाता है। इस सूतक काल में बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों को छोड़कर अन्य लोगों को भोजन करना वर्जित रहता है। सात सितंबर को खग्रास चंद्रग्रहण से पूर्व दिन में 12:57 बजे से ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा।
ग्रहण काल में शास्त्रीय वचनानुसार धार्मिक कृत्य, श्राद्ध, दान अादि करना चाहिए। ग्रहण में जपा गया मंत्र सिद्धप्रद होता है। सितंबर में ही दूसरा ग्रहण 21 सितंबर को सूर्यग्रहण के रूप होगा, लेकिन यह भारत में दृश्यमान नहीं होगा।
पितृपक्ष की पूर्व रात्रि चंद्रग्रहण, पितृ विसर्जन पर सूर्यग्रहण
पं. द्विवेदी ने बताया कि इस बार पितृपक्ष की पूर्व रात्रि यानी सात सितंबर को चंद्रग्रहण और पितृविसर्जन को सूर्यग्रहण होगा। आश्विन प्रतिपदा तिथि जिस दिन उदय काल में प्राप्त होती है, उसी दिन से पितृपक्ष का प्रारंभ माना जाता है। इस बार पितृपक्ष आठ सितंबर से प्रारंभ होकर 21 सितंबर सर्वपितृ अमावस्या तक चलेगा। वहीं, सात सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध होगा। यह खगोलीय घटना एक पखवाड़े में होना और आकाशमंडल में वर्तमान में देवगुरु बृहस्पति का मिथुन राशि में अतिचारी होना, वहीं शनि का मीन राशि पर वक्र गति में संचरण करना शुभ संकेत नहीं है।