देवस्थान बोर्ड के विरोध में केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों का धरना सातवें दिन भी जारी है। तीर्थपुरोहितों ने कहा कि जब तक देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं किया जाता उनका आंदोलन जारी रहेगा। मंदिर परिसर में धरना देते हुए तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि पिछले साल प्रदेश सरकार ने बिना बातचीत व सुझाव के बोर्ड गठित किया था जिसका वे पुरजोर विरोध करते हैं।
केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, आचार्य संतोष त्रिवेदी, जिपं सदस्य गणेश तिवारी का कहना है कि आने वाले दिनों में बोर्ड के विरोध में आंदोलन तेज किया जाएगा, जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में तीर्थ पुरोहित डॉ. विनीत पोस्ती ने जिलाधिकारी मनुज गोयल से भेंटकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। उन्होंने केदानाथ धाम के तीर्थपुरोहितों के हक-हकूकों का संरक्षण व बोर्ड को भंग करने की मांग की है।
गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में आंदोलन जारी
गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ आंदोलनरत तीर्थ पुरोहितों ने सामूहिक उपवास रखकर विरोध जताया है। इस दौरान तीर्थ पुरोहितों ने राज्य सरकार के चारधाम यात्रा शुरू करने के फैसले पर यू-टर्न लेने पर सवाल उठाए।
श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के सह सचिव राजेश सेमवाल ने कहा कि सोमवार को राज्य सरकार ने उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जनपद में चारधाम यात्रा शुरू करने का फैसला लिया। बाद में मामला हाईकोर्ट में विचारधीन बताते हुए एसओपी जारी कर यात्रा को स्थगित रखने का ही फैसला लिया। कहा कि क्या सरकार को पहले से ज्ञात नहीं था कि मामला कोर्ट में है। कहा कि ऐसे बिना सोचे समझे फैसला लेना चिंताजनक है। उन्होंने देवस्थानम बोर्ड पर भी फैसला नहीं लेने पर भी सवाल खड़े किए।
वहीं यमुनोत्री धाम व शीतकालीन पड़ाव खरसाली में भी तीर्थ पुरोहितों ने सामूहिक उपवास रखकर विरोध जताया। पुरोहितों ने कहा कि अभी तो सांकेतिक आंदोलन कर रहे हैं। जल्द मांग पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो 21 जून से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।