व्रती महिलाओं ने आम की लकड़ी से मिट्टी के चूल्हे पर रसियाव (गुड़, दूध और कच्चा चावल) पकाया। इसके बाद मिट्टी के तवे पर रोटी बनाई। रसियाव रोटी का छठी मईया को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया।

Chhath Puja 2024 devotees celebrated Kharna 36 hours of waterless fast begins in Uttarakhand Photos

पहिले पहिल हम कईनी, छठी मईया व्रत तोहार… करिहा क्षमा छठी मईया, भूल-चूक गलती हमार… उत्तराखंड में छठ महापर्व के दूसरे दिन शाम को रसियाव-रोटी का भोग लगाकर व्रतियों ने प्रसाद ग्रहण कर खरना किया। इसी के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया। महापर्व में तीसरे दिन संध्या अर्घ्य होगा। इसमें व्रती महिलाएं अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देंगी। बुधवार को व्रती महिलाओं ने आम की लकड़ी से मिट्टी के चूल्हे पर रसियाव (गुड़, दूध और कच्चा चावल) पकाया। इसके बाद मिट्टी के तवे पर रोटी बनाई। रसियाव रोटी का छठी मईया को भोग लगाकर प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया। ये व्रत शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सम्पन्न होगा। व्रती महिलाओं के साथ ही परिवार के सदस्यों ने भी मीठा भोजन ग्रहण किया। बृहस्पतिवार को अस्ताचल सूर्य की आरती शाम 5.42 बजे होगी। इसी समय व्रती महिलाएं घाटों पर सूर्य को अर्घ्य देंगी। पूर्वा सांस्कृतिक मंच के संस्थापक-महासचिव सुभाष झा ने बताया कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सूर्यास्त के बाद खरना करने का विधान है। बिहारी महासभा व पूर्वा सांस्कृतिक मंच ने घाटों की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। छठ घाटों को सजाकर भव्य रूप दिया गया है। छठ घाटों पर गंगाजल युक्त जल का छिड़काव किया गया। साथ ही गाय के गोबर से जमीन की लिपाई की गई। घाटों पर श्री सोप्ता की चूने व प्राकृतिक रंगों से सुंदर पेंटिंग भी की गई। बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन के चलते पूर्वा सांस्कृतिक मंच ने छठ घाटों पर डीजे न बजाने का निर्णय लिया है। इसके चलते कई घठ घाटों पर छठ के गीत सुनने को नहीं मिलेंगे। महासचिव सुभाष झा ने बताया कि लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन से पूरब बिहार के साथ ही देश के लोग काफी शोकग्रस्त है। श्रद्धांजलि स्वरूप मंच के घाटों पर डीजे नहीं बजेंगे।

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