श्रावण मास की कांवड़ यात्रा में नीलकंठ मंदिर में करीब दस हजार शिव भक्तों ने जलाभिषेक किया। सुबह से लेकर शाम तक नीलकंठ धाम हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठा। शिवलिंग में जलाभिषेक के लिए शिव भक्तों की लाइन लगी रही।
शनिवार सुबह 4:30 बजे से नीलकंठ मंदिर में शिव भक्तों का जलाभिषेक का सिलसिला जारी हुआ। तीर्थनगरी के गंगा घाट स्वर्गाश्रम, मुनि की रेती, लक्ष्मणझूला, तपोवन, त्रिवेणी घाट आदि स्थानों पर शिव भक्तों ने गंगा में स्नान कर गंगाजली भर नीलकंठ धाम के लिए रवाना हुए। इस दौरान नीलकंठ पैदल मार्ग और मोटर मार्ग बम-बम भोले के जयकारों से गूंज उठा।नीलकंठ धाम के पुजारी शिवानंद गिरी ने बताया कि शनिवार सुबह प्रात:काल 4:30 बजे से ही नीलकंठ मंदिर में श्रद्धालुओं ने शिवलिंग का जलाभिषेक करना शुरू किया जो दिनभर चला। शाम सात से लेकर 8:30 बजे तक भगवान शिव का श्रृंगार और आरती होती है। उसके बाद फिर धाम में जलाभिषेक का सिलसिला चलेगा। जो रात नौ बजे तक चलेगा। उसके बाद भक्तों के लिए मंदिर के कपाट दर्शानार्थ के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कहा कि पंचक होने के कारण शिव भक्तों की संख्या में गिरावट हुई है, शनिवार को कांवड़ियों की संख्या में कुछ बढ़ोत्तरी हुई। जैसे ही पंचक समाप्त होंगे। धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़नी शुरू हो जाएगी।