वृंदावन स्थित ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर विरोध लगातार जारी है। इसको लेकर सरकार और स्थानीय लोगों में ठनी हुई है। इसी बीच ठाकुर बांकेबिहारी के लिए नव मंदिर निर्माण की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। जन-जन के आराध्य ठाकुर श्रीबांकेबिहारी महाराज के दर्शन के लिए प्रति वर्ष करोड़ों भक्त आते हैं। ठाकुरजी का भव्य-दिव्य स्वरूप में आठवीं बार नया मंदिर बनाए जाने से संबंधित प्रस्ताव पर सहमति मिल रही है। इसका उद्देश्य आने वाले भक्तों को सुगमता से दर्शन उपलब्ध कराना है।

नवीन मंदिर के प्रस्ताव पर सहमति जुटा जा रही
मंदिर सेवायत नरेंद्र किशोर गोस्वामी, आनंद बिहारी गोस्वामी, एडवोकेट हिमांशु गोस्वामी, अनंत बिहारी गोस्वामी, विशाल बिहारी गोस्वामी, लाल बिहारी गोस्वामी, ऋषि गोस्वामी, मयूर बिहारी गोस्वामी, संयम गोस्वामी, प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी आदि ने सेवायत समाज व नगर के वरिष्ठ लोगों से संपर्क करते हुए नवीन मंदिर के प्रस्ताव पर सहमति जुटाई। कहा जा रहा है कि शीघ्र ही हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।

कॉरिडोर के विरोध में नक्शा जलाया
श्रीबांकेबिहारीजी महाराज के सेवाधिकारीजनों, प्रबुद्धवर्ग, प्राचीन मंदिरों के सेवायतों व स्थानीय जनता के साथ-साथ अनेक भक्तगण भी अपने आराध्य का नया मंदिर बनाए जाने के प्रबल पक्षधर हैं। ठाकुर श्रीराधावल्लभ मंदिर के सेवायत श्रीहित संप्रदायाचार्य प्रेमकुमार गोस्वामी (छोटी सरकार) ने कहा कि संबंधित लोगों की सहमति के बाद वृंदावन में ही खुली जगह पर बांकेबिहारीजी का नया मंदिर बनाने का प्रस्ताव एक अच्छा प्रयास है।
सहेज कर रखनी चाहिए धार्मिक विरासतें 
श्रीहित संप्रदायाचार्य विशाल लाल गोस्वामी ने कहा कि वृंदावन के प्राय: समस्त छोटे-बड़े मंदिरों के सेवायत इस संकटकाल में बांकेबिहारीजी के सेवायतों के साथ खड़े हैं। ठाकुर श्रीराधारमण मंदिर के सेवायत आचार्य पंकज गोस्वामी ने कहा कि सरकार को यहां की धार्मिक विरासतें सहेज कर रखनी चाहिए। ठाकुर हरिशिरोमणि महाराज (करौलीकुंज) के सेवायत डॉ. बृजभूषण चतुर्वेदी ने कहा कि नए मंदिर के निर्मित होने पर अरबों रुपयों की खर्च से बचा जा सकेगा।

बांकेबिहारीजी के सेवायत एवं इतिहासकार आचार्य प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी ने कहा कि नए मंदिर के निर्माण से बिहारीजी के मौजूदा मंदिर के आसपास स्थित अनेक राजघरानों द्वारा निर्मित अनमोल पुरातन धरोहरें अपने मूल अस्तित्व में बनी रहेंगी। ठाकुर युगल बिहारी मंदिर के सेवायत राजीव कृष्ण शर्मा ने कहा कि नया मंदिर सौ समस्याओं का एक समाधान सिद्ध हो सकता है। इससे संभावित विनाश की प्रक्रिया पर विराम लगेगा।

कॉरिडोर के विरोध में बैठक करते लोग

37 वर्ष पूर्व जयपुर मंदिर में ठाकुरजी को विराजमान करने की उठी थी मांग

19 सितंबर वर्ष 1985 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. आर वेंकटरमन ने ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने स्वामी हरिदासजी महाराज पर डाक टिकट का विमोचन भी किया। उपराष्ट्रपति के जाने के बाद हुए सामाजिक विवाद की वजह से ठाकुर श्रीबांकेबिहारीजी को राधामाधव मंदिर (जयपुर मंदिर) अथवा वृंदावन में ही किसी अन्य बड़े स्थान पर मंदिर निर्माण कराकर विराजमान करने की जोरदार मांग उठी थी। वर्ष 2015-16 में सूबे की समाजवादी सरकार के समय में भी मंदिर अधिग्रहण व स्थानांतरण के प्रयास हुए थे।

परिक्रमा करते श्रद्धालु

बगीचे में मनाया जाए मंदिर

मथुरा के भरतपुरगेट के लालागंज निवासी गणेश प्रसाद चतुर्वेदी ने बांकेबिहारी के नवीन मंदिर पर अपना मत रखते हुए कहा है कि अटल्ला चुंगी पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर का बगीचा है। इस बगीचे में ठाकुर बांकेबिहारी का भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण किया जा सकता है।

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