नवीन मंदिर के प्रस्ताव पर सहमति जुटा जा रही
मंदिर सेवायत नरेंद्र किशोर गोस्वामी, आनंद बिहारी गोस्वामी, एडवोकेट हिमांशु गोस्वामी, अनंत बिहारी गोस्वामी, विशाल बिहारी गोस्वामी, लाल बिहारी गोस्वामी, ऋषि गोस्वामी, मयूर बिहारी गोस्वामी, संयम गोस्वामी, प्रहलाद बल्लभ गोस्वामी आदि ने सेवायत समाज व नगर के वरिष्ठ लोगों से संपर्क करते हुए नवीन मंदिर के प्रस्ताव पर सहमति जुटाई। कहा जा रहा है कि शीघ्र ही हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा।

बांकेबिहारीजी के सेवायत एवं इतिहासकार आचार्य प्रहलाद वल्लभ गोस्वामी ने कहा कि नए मंदिर के निर्माण से बिहारीजी के मौजूदा मंदिर के आसपास स्थित अनेक राजघरानों द्वारा निर्मित अनमोल पुरातन धरोहरें अपने मूल अस्तित्व में बनी रहेंगी। ठाकुर युगल बिहारी मंदिर के सेवायत राजीव कृष्ण शर्मा ने कहा कि नया मंदिर सौ समस्याओं का एक समाधान सिद्ध हो सकता है। इससे संभावित विनाश की प्रक्रिया पर विराम लगेगा।

37 वर्ष पूर्व जयपुर मंदिर में ठाकुरजी को विराजमान करने की उठी थी मांग
19 सितंबर वर्ष 1985 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. आर वेंकटरमन ने ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन किए। इस दौरान उन्होंने स्वामी हरिदासजी महाराज पर डाक टिकट का विमोचन भी किया। उपराष्ट्रपति के जाने के बाद हुए सामाजिक विवाद की वजह से ठाकुर श्रीबांकेबिहारीजी को राधामाधव मंदिर (जयपुर मंदिर) अथवा वृंदावन में ही किसी अन्य बड़े स्थान पर मंदिर निर्माण कराकर विराजमान करने की जोरदार मांग उठी थी। वर्ष 2015-16 में सूबे की समाजवादी सरकार के समय में भी मंदिर अधिग्रहण व स्थानांतरण के प्रयास हुए थे।

बगीचे में मनाया जाए मंदिर
मथुरा के भरतपुरगेट के लालागंज निवासी गणेश प्रसाद चतुर्वेदी ने बांकेबिहारी के नवीन मंदिर पर अपना मत रखते हुए कहा है कि अटल्ला चुंगी पर ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर का बगीचा है। इस बगीचे में ठाकुर बांकेबिहारी का भव्य और दिव्य मंदिर का निर्माण किया जा सकता है।