काशी के कर्मकांडी ब्राह्मण आवाहन करेंगे…प्रभु उठिये और त्रैलोक्य का मंगल कीजिए। इसके साथ ही विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा के अंतिम दिन के विधान आरंभ होंगे। रामलला के विराजमान होने के साथ ही भारत के भाग्य का भी उदय होगा।

Ayodhya Ram temple, will wake up Ramlala on 22nd with good wishes from all three worlds

प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को शय्याधिवास के बाद रामलला को त्रैलोक्य यानी तीनों लोकों की मंगल कामना से जगाया जाएगा। काशी के कर्मकांडी ब्राह्मण आवाहन करेंगे…प्रभु उठिये और त्रैलोक्य का मंगल कीजिए। इसके साथ ही विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा के अंतिम दिन के विधान आरंभ होंगे। रामलला के विराजमान होने के साथ ही भारत के भाग्य का भी उदय होगा। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा सर्वाधिक शुभ मुहूर्त में होगी। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि यह शुभ संयोग भारत के लिए भी हितकारी होगा। काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी का कहना है कि धर्म के विग्रह श्रीराम ही टेंट में थे, इसलिए भारत का भाग्य प्रकाशित नहीं हो रहा था। प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही भारत की कीर्ति, यश, वैभव सर्वोच्च शिखर पर होगा। प्रभु श्रीराम जब राजा के रूप में अयोध्या में स्वयं विराजमान होंगे, तो धर्म की ध्वजा विश्व में फहराएगी। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अभिजीत मुहूर्त देने वाले पं.गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ का मानना है कि इससे रामजी की राज्यवृद्धि होगी अर्थात नीति के अनुसार शासन कार्य चलेगा।

काशी विद्वत परिषद ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पंच संकल्प करने की सलाह दी है। इसमें राष्ट्ररक्षा, मानव कल्याण, विश्वशांति, सनातन धर्म की ध्वजा शिखर पर फहराने और भारत को विश्वगुरु बनने का संकल्प लिया जाएगा।

17 से शुरू होंगे अनुष्ठान
कर्मकांडी पंडित लक्ष्मीकांत द्विवेदी के अनुसार, समारोह के अनुष्ठान प्रायश्चित संस्कार के बाद शुरू होंगे। 17 को नगर भ्रमण, 18 को सभी देवताओं का स्थापन, विद्वानों का वरण, कुटीर कर्म के बाद भगवान का जलाधिवास होगा। 19 को अरणी मंथन से यज्ञ की अग्नि प्रज्ज्वलित होगी। इसके बाद नवग्रह होम होगा। राममंदिर की वास्तु शांति होगी। 81 कलशों के जल से शुद्धिकरण होगा। 20 को घृताधिवास, 21 को सहस्त्रछिद्र कलश से स्नान के बाद श्रीराम की दिव्य दृष्टि खोली जाएगी व नेत्रोमिलन संस्कार होगा। शोभायात्रा के बाद शय्याधिवास कराया जाएगा। 22 को 84 सेकंड के शुभ मुहूर्त में भगवान गर्भगृह में विराजमान होंगे।

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