रुद्रप्रयाग अंत्येष्टि में जा रहा दून का परिवार पांच घंटे तक काल से लड़ता रहा। टूटे पुल से परिवार की कार नदी में गिर गई थी और उसमें पांच लोग सवार थे। अंधेरे और भीड़भाड़ के चलते उनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं गया। विधायक और कुछ लोगों को कार दिखी तो एसडीआरएफ ने सभी को बचाया। परिवार के पांचों सदस्यों को चोटें आई हैं। उन्हें हिमालयन अस्पताल में भर्ती कराया गया है

भारी बारिश में शुक्रवार देर रात सौड़ा सरोली के पास नदी पर बना पुल टूट गया था। तड़के चार बजे पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें आसपास के क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थीं। एहतियात के तौर पर इस पुल के दोनों ओर लाल पट्टी बांध दी गई ताकि लोगों को पता चल सके कि आगे खतरा है। मगर, रात में यहां से गुजर रहा नेहरू ग्राम निवासी सतेंद्र बुटोला का परिवार इससे अनजान था। सुबह सवा सात बजे पुल टूटा हुआ दिखा और बाकी सब सामान्य लग रहा था।

अचानक स्थानीय विधायक उमेश शर्मा काऊ और उनके साथ खड़े लोगों को दूर नदी में एक लाल रंग की कार दिखाई दी। पास में एक पौधा भी हिल रहा था।

सबने समझा कि पानी के बहाव के कारण पौधा हिल रहा है, लेकिन यह सतेंद्र बुटोला का इशारा था। तत्काल एसडीआरएफ की टीम पहुंची और कार को करीब नौ बजे बाहर निकाल लिया।

कार में सतेंद्र बुटोला, उनकी पत्नी कृष्णा बुटोला, बेटा सार्थक बुटोला, भाई पंकज बुटोला और देवेंद्र बुटोला सवार थे। एसडीआरएफ कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया। उन्हें हल्की चोटें आई थीं।

 

 

By Tarun

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