कथा के दौरान कुमार विश्वास ने धर्म निरपेक्षता का राग अलापने वालों और सीएम योगी के वेशभूषा पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य का राजा या मुखिया न तो कर्म निरपेक्ष होना चाहिए और न ही धर्म निरपेक्ष। उसे अपने धर्म की रक्षा करनी होगी।

सीता के रघुनाथ, लखन के भैया सुख के धाम मिलेंगे, हनुमान के हरि, जगत के त्राता आठों याम मिलेंगे, रामभद्र शबरी के, केवट के रघुनंदन मिल जाएंगे, चले आओ इस जगह सभी को अपने-अपने राम मिलेंगे… सुना कवि डॉ. कुमार विश्वास ने मंगलवार को कथा का रसपान कराया। मौका था नंदी सेवा संस्थान की ओर से चैथम लाइंस में आयोजित तीन दिवसीय अपने-अपने राम के आगाज का। कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी और पूर्व महापौर अभिलाषा गुप्ता ने कवि कुमार विश्वास का स्वागत किया।
कवि ने कहा कि भारतीय पौराणिक की वैज्ञानिकता, तथ्यात्मकता व तर्कशीलता विश्वभर के युवाओं तक पहुंचाना ही अपने-अपने राम का उद्देश्य है। गंगा धरा के पाप तारण के लिए प्रकृति की कोख से उतरी हैं। कुमार विश्वास ने संगम क्षेत्र का भ्रमण किया। वहां की व्यवस्थाओं व सुविधाओं को देख कर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और सीएम योगी के नेतृत्व में महाकुंभ दिव्य व भव्य ही नहीं, बल्कि अद्भुत होने जा रहा है।
कथा के दौरान कुमार विश्वास ने धर्म निरपेक्षता का राग अलापने वालों और सीएम योगी के वेशभूषा पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य का राजा या मुखिया न तो कर्म निरपेक्ष होना चाहिए और न ही धर्म निरपेक्ष। उसे अपने धर्म की रक्षा करनी होगी।कहा कि पूरे विश्व में भारत ही ऐसा देश है, जिसमें पत्थर को भी प्राणवान करने का कौशल है। कहा कि मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तो भगवान राम की मूर्ति बनाई थी। लेकिन, प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रभु श्री राम का विग्रह प्रभु श्री राम में परिवर्तित हो गया। भारत पत्थर में प्राण डालने में लगा है, वहीं पश्चिम प्राण को पत्थर बना रहा है।