पौखार के पास एक यूटिलिटी खाई में गिरने में से पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि तीन घायलों को पिलखी अस्पताल लाया गया है। वाहन में सवार सभी लोग स्थानीय बताए गए हैं।

टिहरी में हादसा

घनसाली बाजार से सौड़ गांव लौट रहे एक यूटिलिटी वाहन के खाई में गिरने से एक महिला समेत पांच लोगों की मौत हो गई। हादसे में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी में भर्ती किया गया है। घटना के बाद सौड़ गांव में मातम पसरा हुआ है।

सौड़ गांव के लोग घर का सामान खरीदने के लिए बृहस्पतिवार को घनसाली बाजार आए थे। बाजार से लौटते वक्त दोपहर करीब दो बजे यूटिलिटी वाहन घनसाली-घुत्तू मोटर मार्ग पर पौखार गांव के समीप 50 मीटर गहरी खाई में जा गिरा। पौखार गांव के लोगों ने मौके पर पहुंचकर तुरंत बचाव कार्य शुरू किया।
सूचना पर पुलिस, एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। घायलों को खाई से निकालकर 108 एंबुलेंस से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिलखी भेजा गया।  घनसाली थानाध्यक्ष सुखपाल सिंह मान ने बताया कि दुर्घटना में लक्ष्मी प्रसाद (66) पुत्र ब्रह्मी दत्त, प्रताप सिंह (44) पुत्र भगवान सिंह, गुणानंद (65) पुत्र चिंतामणि, बिहारी लाल (65) पुत्र श्योला लाल, हेमा देवी (50) पत्नी चंद्र सिंह सभी निवासी सौड़ गांव की मौके पर ही मौत हो गई थी। घायल वाहन चालक बचल सिंह पुत्र गंगा सिंह निवासी बडुवा गांव, विजय राम पुत्र केवल राम,  राजेंद्र सिंह पुत्र जीत सिंह दोनों निवासी सौड़ को पिलखी अस्पताल में भर्ती किया गया है।
ड्राइवर के नशे में होने की आशंका
पिलखी अस्पताल के प्रभारी डा. श्याम विजय ने बताया कि तीनों घायलों की स्थिति खतरे से बाहर है। उन्होंने बताया ड्राइवर के नशे में होेने की आशंका है और उसकी मेडिकल जांच कराई जा रही है। एसडीएम केएन गोस्वामी ने बताया कि घटना की तकनीकी जांच और घायलों से पूछताछ के बाद दुर्घटना के कारण का पता चल पाएगा। दुर्घटना स्थल पर सड़क काफी चौड़ी है। विधायक शक्ति लाल शाह ने दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने पिलखी अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना।

हादसे ने था झकझोरा

यमुनोत्री हाईवे पर हुए बस हादसे ने जनमानस को झकझोर कर रख दिया। साथ ही 2017 को गंगोत्री हाईवे पर हुई बस दुर्घटना की यादें ताजा कर दी। 21 मई 2017 को शाम के समय नालुपानी के समीप हुए बस हादसे में 30 लोगों की जान गई थी, जबकि एक बच्ची और एक व्यक्ति घायल हुए थे। मृतकों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उनके शवों को चिन्यालीसौड़ सीएचसी में रखने की जगह तक नहीं मिली थी। तब भी दुर्भाग्य से तीर्थयात्री मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। तब भी शासन बड़ी संख्या में हुई यात्रियों की मौत का कोई ठोस कारण नहीं ढूंढ सका था। पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शूरवीर रांगड़, व्यापार मंडल अध्यक्ष कृष्णा नौटियाल, अमित सकलानी आदि का कहना है कि सड़कें तो पर्याप्त चौड़ी हुई है, लेकिन हादसे नहीं रुक रहे हैं। जो कि चिंता का विषय है। 26 तीर्थयात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

वाहन चालकों की असावधानियां उजागर

पहाड़ी मार्गों पर वाहन चलाते समय तेज रफ्तार और थोड़ी सी भी असावधानी जान पर भारी पड़ती है। यमुनोत्री हाईवे पर अब तक हुई दो सड़क दुर्घटनाओं में वाहन चालकों की असावधानियां भी उजागर हुई। दोनों वाहन अन्य वाहन को पास देते समय असावधानी बरतने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं। बीते कुछ रोज पहले यमुनोत्री हाईवे पर एक वाहन दुर्घटना ग्रस्त हुआ था, जिसमें तीन तीर्थयात्रियों की मौत हुई थी। वाहन जिस स्थान पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।

सड़कों की स्थिति सुधरी पर नहीं रुक रहे हादसे

बीते 5-6 सालों में पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों की स्थिति पहले से काफी सुधरी है। ऑलवेदर रोड निर्माण के चलते सड़कों की चौड़ाई भी बढ़ी है, लेकिन हादसे नहीं रुक रहे हैं। पहाड़ पर वाहन चालक की जरा सी चूक यात्रियों की जान पर भारी पड़ सकती है। सरकार को दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय लोगों की मांग पर विशेषज्ञ समिति का गठन कर ठोस कारणों को पता लगाना चाहिए।

By Tarun

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