श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के साधु-संतों ने जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरि के नेतृत्व में नगर प्रवेश किया। सभी साधु संत सुसज्जित बग्घी, घोड़े और रथों पर सवार होकर निकले। यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया।  प्रबिसि नगर कीजे सब काजा/ हृदय राखि कौसलपुर राजा…। संत तुलसी दास की रचित राम चरित मानस की इस चौपाई के अनुसार किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत यदि अपने हृदय में प्रभु श्रीराम और माता सीता को रख कर करते हैं, तो वह अवश्य लोकमंगलकारी हो जाता है। संन्यासियों के सबसे बड़े पंच दशनाम जूना अखाड़े के संतों ने रविवार को मानस की इसी चौपाई के सूक्त वाक्य के साथ महाकुंभ-2025 के लिए नौ किमी लंबी शोभायात्रा निकालकर नगर प्रवेश किया। सुसज्जित रथों, बग्घियों और घोड़ों पर सवार को संन्यासी बाजे गाजे के साथ निकले तो वह झलक पाने के लिए सड़कों की पटरियों से लेकर छतों-बारजों तक बच्चों-महिलाओं, युवाओं की भीड़ लग गई। इस दौरान यमुना तट परमौज गिरि मंदिर में मां यमुना और धर्मराज का सविधि पूजन तक महाकुंभ का औपचारिक शंखनाद कर दिया गया।

Sadhus and monks of Juna Akhara entered the city in royal style, cheers kept echoing

रमता पंच, श्रीपंच की अगुवाई में जूना अखाड़े के देवता को लेकर संतों का कारवां दोपहर एक बजे के बाद रामापुर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर परिसर से निकला। मेला प्रशासन के अफसरों की स्वागत के बाद अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि के नेतृत्व में रथों, बग्घियों और घोड़ों के कारवां के साथ महामंडलेश्वरों, पीठाधीश्वरों, महंतों की सवारियां निकलने लगीं। हर हर महादेव के जयकारे गूंजने लगे। इसी के साथ जूना अखाड़े के संतों ने महाकुंभ -2025के भव्य व दिव्य आगाज, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के नगर प्रवेश यात्रा में शामिल साधु संत। ढोल-नगाड़े और बाजे-गाजे के साथ रथों पर सवार होकर साधु-संत यात्रा में शामिल हुए। 

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