केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भूस्खलन व भू-धंसाव जोन सक्रिय हो गए है। प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम अलर्ट मोड पर है। Kedarnath Yatra 2024 Devotees Advised to Avoid Risk as Landslide Zones Become Active on Yatra Route

जिला मुख्यालय से केदारनाथ तक बीते तीन दिन से रुक-रुककर झमाझम बारिश हो रही है, जिससे रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग कई जगहों पर अति संवेदनशील हो गया है। सड़क व पैदल मार्ग पर भूस्खलन व भू-धंसाव जोन के सक्रिय हो गए हैं। इन हालात को देखते हुए प्रशासन ने यात्रियों से यात्रा के लिए अनावश्यक जोखिम नहीं लेने की अपील की है। साथ ही हाईवे से लेकर धाम तक प्रशासन, पुलिस और सुरक्षा बलों को अलर्ट रहने को कहा है। बारिश से रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर भटवाड़ीसैंण, सिल्ली, सौड़ी, गिंवाला, बांसवाड़ा, काकड़ागाड़-कुंड, देवीधार, ब्यूंडगाड़, तलसारी, फाटा डोलिया मंदिर में भूस्खलन व भू-धंसाव जोन सक्रिय हो गया है। शनिवार को फाटा के समीप पहाड़ी से पत्थर गिरने व पेड़ टूटने से हाईवे तीन घंटे तक बंद रहा था। उधर, गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव, चीरबासा, मीठा पानी, जंगलचट्टी, भीमबली, रामबाड़ा से लिनचोली, छानी कैंप तक पैदल मार्ग अति संवेदनशील है।

संवेदनशील स्थानों पुलिस जवान तैनात किए
यहां पहाड़ी से कभी भी पत्थर गिर सकते हैं। जून 2013 की आपदा के बाद पैदल मार्ग पर इन स्थानों पर हर साल हादसे हुए हैं। इधर, हाईवे व पैदल मार्ग की स्थिति को देखते हुए पुलिस अफसरों ने सभी कार्मिकों की छु्ट्टी रद्द कर दी हैं। हाईवे व पैदल मार्ग पर संवेदनशील स्थानों पुलिस जवान तैनात किए जा रहे हैं। मौसम को देखते हुए बाबा केदार के भक्त जरूरी होने पर ही यात्रा पर आएं, अनावश्यक जोखिम लेने की जरूरत नहीं है। बरसात से हाईवे व पैदल मार्ग पर कई जगहों पर स्थिति संवेदनशील बनी हुई है।

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