बीआरओ, वन एवं अन्य विशेषज्ञों की ओर से पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) का काम पूरा कर लिया गया है। इसमें परियोजना के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव और उसके उपचार के बिंदु सुझाए गए हैं।

चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना के तहत अटका गंगोत्री-यमुनोत्री सड़क चौड़ीकरण का काम अब एक कदम और आगे बढ़ गया है। भागीरथी ईको संवेदी क्षेत्र में आने के कारण धरासू से गंगोत्री और धरासू से यमुनोत्री चौड़ीकरण का काम पूरा नहीं हो पा रहा था। अब पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) का काम पूरा कर लिया गया है। समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति इस पर निर्णय लेगी।

बीआरओ, वन एवं अन्य विशेषज्ञों की ओर से पर्यावरण प्रभाव आकलन (ईआईए) का काम पूरा कर लिया गया है। इसमें परियोजना के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव और उसके उपचार के बिंदु सुझाए गए हैं। इसके साथ ही रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड तक अटका सड़क चौड़ीकरण का कार्य भी शीघ्र शुरू होगा। प्रमुख सचिव लोनिवि एवं वन आरके सुधांशु ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी इस मामले में निर्णय लेगी। इसके बाद अंतिम रिपोर्ट केंद्र के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजी जाएगी।

परियोजना की जद में आ रहे हजारों पेड़

गंगोत्री-यमुनोत्री सड़क चौड़ीकरण परियोजना में हजारों पेड़ जद में आ रहे हैं। जबकि पर्यावरणविद इनकी संख्या लाखों में बता रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के हिसाब में उत्तरकाशी से गंगोत्री तक सड़क चौड़ीकरण के दौरान करीब छह हजार पेड़ काटे जाने हैं। यमुनोत्री क्षेत्र में पांच से सात हजार पेड़ काटे जा चुके हैं, जबकि करीब इतने ही और काटे जाने हैं। इधर, पर्यावरणविद सुरेश भाई कहना है कि यह महज सरकारी आंकड़ा है, हकीकत यह है इन दोनों सड़कों के चौड़ीकरण में दो लाख से अधिक पेड़ों की बलि दी जा रही है। इनमें ज्यादातर देवदार के पेड़ हैं।

पेव्ड शोल्डर के साथ दस मीटर चौड़ी होगी सड़क

धरासू से गंगोत्री की दूरी 124 किमी, जबकि धरासू से यमुनोत्री की दूरी 95 किमी है। इस पूरे हिस्से में ऑल वेदर रोड के मानकों के हिसाब से कुल 10 मीटर चौड़ी सड़क का निर्माण पेव्ड शोल्डर के साथ किया जाना है।

रॉडी टाप टनल के काम में भी आई तेजी

धरासू से यमुनोत्री मार्ग पर रॉडी टाप सड़क आने वाले समय में बीते दिनों की बात हो जाएगी। यहां सिलक्यारा बैंड से बड़कोट तक 4.859 किमी सुरंग निर्माण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस सुरंग के पूरा हो जाने के बाद यमुनोत्री जाने के लिए करीब 26 किमी की दूरी कम हो जाएगी। इस परियोजना 853.79 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अब तक सर्दियों में बर्फबारी के दौरान रॉडी टाप क्षेत्र में अकसर सड़क बंद हो जाती है। सुरंग बन जाने से यह समस्या भी हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी।

 

 

By Tarun

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