उज्जैन जिले में एक भावनात्मक और अनोखा दृश्य सामने आया जिसने लोगों के दिलों को छू लिया। यहां बैंड-बाजे के साथ एक गौ माता की अंतिम यात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने की मांग जहां देशभर में तेजी पकड़ रही है, वहीं उज्जैन जिले में एक भावनात्मक और अनोखा दृश्य सामने आया। इसने लोगों के दिलों को छू लिया। यहां बैंड-बाजे के साथ एक गौ माता की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसने समाज में गौ माता के प्रति एक नई सोच और श्रद्धा का संदेश दिया। यह यात्रा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि गौ माता के प्रति प्रेम और सम्मान की मिसाल बनी। यह शव यात्रा न्यू इंदिरा नगर नीलगंगा रोड से निकाली गई जो कि मुक्तिधाम पहुंची जहां विधि विधान से अंतिम संस्कार हुआ। 18 वर्षों से गौमाता की सेवा, देखभाल करने वाले मोतीराम मकवाना, पुरुषोत्तम मकवाना ने नम आंखों से गौमाता को विदाई दी। पुरुषोत्तम मकवाना व उनके पूरे परिवार ने कहा कि हर हिंदू को गौमाता की ऐसी सेवा करना चाहिए। पुरुषोत्तम मकवाना ने कहा कि आज गौ माता की शवयात्रा सजाकर, डीजे ढोल ताशे से जय सियाराम के नारे लगाते हुए सनातन संस्कृति, रीति रिवाज अनुसार गंगा गौ माता को मुक्तिधाम ले जाकर गौ माता को धर्म के अनुसार पूजा पाठ कर अंतिम संस्कार किया गया।