अमेठी सिटी। गोवंश संरक्षण को बेहतर बनाने के साथ आश्रय केंद्र की हकीकत देखने के लिए बुधवार को सीडीओ अचानक तिलोई के चेतरा बुजुर्ग स्थित अस्थाई गोवंश संरक्षण पहुंचे। आश्रय केंद्र पर चारा, भूसा, पानी व पोषाहार समेत अन्य सुविधाओं की हकीकत परखी। निरीक्षण के बाद सीडीओ ने वर्मी कंपोस्ट अथवा खाद गड्ढा निर्माण के साथ समूह की महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित कर आय बढ़ाने तथा साफ-सफाई की बेहतर व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। बुधवार को सीडीओ ने तिलोई के चेतरा बुजुर्ग स्थित अस्थाई गोवंश संरक्षण केंद्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान संरक्षित गोवंशों के टीकाकरण, चारे-भूसा का प्रबंध के साथ साफ-सफाई की हकीकत परखी। आश्रय केंद्र पर 224 गोवंश संरक्षित मिले। निरीक्षण के बाद सीडीओ ने डीपीआरओ तथा बीडीओ आश्रय केंद्र की साफ सफाई व पाई गई कमियों को दूर कराने को कहा। आश्रय केंद्र में वर्मी कंपोस्ट अथवा खाद गड्ढा का निर्माण करते हुए स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की सहभागिता भी सुनिश्चित करने की बात कहते हुए कहा कि आजीविका के स्रोतों में वृद्धि कराए जाने का प्रयास करे। सीडीओ ने पंचायत सचिव एवं ग्राम प्रधान को हरा चारा के बदले गोबर देने हेतु प्रेरित भी करते हुए केंद्र पर काऊ डंग के लट्ठे बनाने के लिए नियमानुसार वित्तीय नियमों का पालन करते हुए गो कास्ट मशीन का भी क्रय करने का निर्देश दिया। सुपुर्द किए गए गोवंशों की नियमित रूप से स्वास्थ्य परीक्षण हो इसके लिए सीवीओ को आवश्यक निर्देश देते हुए कुपोषित तथा अति कुपोषित परिवार जनों के साथ-साथ अन्य पात्र परिवारों का चयन करके सहभागिता योजना के तहत अधिक से अधिक गोवंशों को सुपुर्द भी करने को कहा। कहा कि गोवंश संरक्षण में लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।