गुलमर्ग में इस बार इतनी बर्फ नहीं है, जितनी होनी चाहिए। हर बार जनवरी माह में कम से कम एक फीट बर्फ तो रहती है, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। गुलमर्ग की बिना बर्फबारी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं हैं। इन तस्वीरों ने पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।

कश्मीर घाटी में कड़ाके की सर्दी के बीच शुष्क मौसम बड़ी परेशानी साबित होने लगा है। इस बार बर्फबारी और बारिश कम होने से बागवानों और पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। सभी दूरगामी प्रभावों को लेकर चिंतित हैं। सिंचाई न होने से एक तरफ जहां फसलें सूखने लगी हैं, वहीं उन लोगों की आजीविका भी खतरे में पड़ गई है, जो बर्फबारी के बाद विभिन्न गतिविधियों पर निर्भर होती हैं।पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि गुलमर्ग में इस बार इतनी बर्फ नहीं है, जितनी होनी चाहिए। हर बार जनवरी माह में कम से कम एक फीट बर्फ तो रहती है, लेकिन इस बार स्थिति अलग है। गुलमर्ग की बिना बर्फबारी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं हैं। इन तस्वीरों ने पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।