हरिद्वार 17 फरवरी 2025 गुरु श्री गोरखनाथ अलख अखाड़े के अध्यक्ष श्री संजीवन नाथ महाराज ने अपने श्री मुख से उद्गार व्यक्त करते हुए कहा मनुष्य अगर अपने मानव जीवन को सार्थक करना चाहता है तो उसे अच्छी शिक्षा उच्च संस्कार और अच्छे ज्ञान की आवश्यकता होती है और यह ज्ञान उसे गुरुजनों के माध्यम से ही प्राप्त हो सकता है हमारे पथ दर्शक भगवान गुरु श्री गोरखनाथ महाराज ने अपने ज्ञान के संवर्धन से यह सिद्ध किया है कि अगर मनुष्य चाहे तो वह ज्ञान के बल पर बुलंदियों के उच्च शिखर पर पहुंच सकता है शिक्षा प्राप्त करने और ज्ञान प्राप्त करने की कोई उम्र निर्धारित नहीं है वह कभी भी किसी भी उम्र में मनुष्य अपने शब्द कोष में मस्तिष्क में गुरुजनों से अर्जित कर सकता है इस संसार में सिर्फ दो ही बातें सार्थक है भूखे को रोटी और प्यासे को पानी अगर आप अपने द्वार पर आये किसी भूखे को रोटी नहीं खिला सकते आपके द्वारा से कोई भूखा लौट जाता है किसी प्यासे को पानी नहीं पिला सकते तो मिथ्या है आपका मानव जीवन मिथ्या है आपकी शिक्षा भी मिथ्या है सबसे बड़ी शिक्षा है मनुष्य जीवन में संस्कारों का होना अगर आप छोटे बड़े का सम्मान नहीं कर सकते अगर आप छोटे बड़े की शर्म नहीं रखते अगर आपकी आंखों में शर्म नहीं है तो आपका मानव जीवन निरार्थक है भले ही आप किसी की प्रशंसा ना करें किंतु अकारण किसी का उपवाहस भी ना उड़ाये भले ही आप किसी की प्रशंसा ना करें किंतु उसकी मिथ्या बुराई भी ना करें अगर ऐसा करते हैं आप किसी कोमिथ्या बुराइयों का शिकार करते हैं तो आपका जीवन एक पशु से भी बदतर है सबसे बड़ ज्ञान और सबसे बड़ा शिक्षा बड़ों का आदर और छोटो का सम्मान ना किसी को देखकर परेशान हो और ना ही किसी से मिथ्या जलन रखो अगर आप यह अपना व्यवहार नहीं बदलेंगे तो आप अपने जीवन को खुद ही विनाश की ओर ले जा रहे हैं क्योंकि जो समय आप इधर-उधर की करने में लगा रहे हैं उसे अच्छे सत्य कर्म गरीबों की सेवा पूजा पाठ में लगाइये जगत और समाज की भलाई के लियें लगाइये भगवान नहीं कहते की आप मेरा सारे दिन पूजा पाठ सिमरन करो सिमरन वहीं स्वीकार तो होता है जो अपनी सारी जिम्मेदारियां पूर्ण करने के बाद कुछ पल मनुष्य भगवान भोलेनाथ भगवान गुरु गोरखनाथ भगवान श्री हरि विष्णु के सिमरन में लगाये साथ ही दूसरों की सहायता करें बुजुर्गों और बच्चों पर दया और सेवा भाव रखें किसी का भी निरादर ना करें दूसरों को देखकर खुश रहे सभी का सम्मान करें यही शिक्षा मनुष्य का जीवन सार्थक कर देती है अन्यथा आजकल के दौर में कुछ लोग तो दूसरों की उन्नति देखकर खुद जल-जल कर मर जाते हैं उन्हें यह देखकर खुशी नहीं मिलती कि भगवान ने उसे क्या दिया वह दूसरों को देखकर दुखी और परेशान है कि उसकी उन्नति क्यों हो रही है उसको यह क्यों मिल गया वह इतना बड़ा कैसे हो गया उसने गाड़ी कैसे ले ली उसने घर बंगला कैसे बना लिया यह सब मिथ्या बातें हैं जो मिलना है वह उसके लिखे कर्म के अनुसार ईश्वर ने उसे दिया तुम कम करो भगवान तुम्हारे भी कर्म फल बदल देंगे और तुम उससे भी बेहतर हो सकते हो जलन नहीं कर्म करो भगवान हरि तुम्हारे भाग्य के लेख भी बदल देंगे और तुम भी बुलंदियों के शिखर पर पहुंचूंगे यही मानव जीवन की सच्चाई है इसे स्वीकार करो नहीं तो दूसरों को देखकर जल जल कर मर जाओ ना कोई देख रहा है ना तुमसे पूछ रहा है कि ऐसा क्यों कर रहे हो आपकी जलन से ईश्वर किसी का कर्म फल नहीं बदलने वाले हां अगर आप अच्छे कर्म करते हैं तो मेहनत के बल पर आपका कर्म फल बदल सकता है।