विदास जयंती को लेकर उनकी जन्मस्थली काशी में लाखों संगत पहुंची है। सोमवार को बेगमपुरा एक्सप्रेस से दो हजार संगत के साथ संत निरंजन दास पहुंचे। उनको अपने बीच पाकर अनुयायी निहाल हो गए।

Sant Ravidas Jayanti 2025 Sant Niranjan Das and more than one lakh followers reached Varanasi

अपराह्न 3:49 बजे जैसे ही बेगमपुरा एक्सप्रेस कैंट स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर नौ पर पहुंची, रविदासिया धर्म के प्रमुख संत निरंजन दास का स्वागत करने को रैदासी आतुर हो उठे। दो हजार संगत के साथ संत रविदास की जन्मस्थली काशी पहुंचे संत निरंजन दास को अपने बीच पाकर अनुयायी निहाल हो गए। गुरु के प्रति श्रद्धा और भक्ति में सराबोर अनुयायी उनकी एक झलक पाने को बेताब दिखे। जय गुरुदेव…, धन गुरुदेव… के जयघोष के साथ उनका स्वागत किया।

यही नजारा संत के सपनों के गांव सीरगोवर्धनपुर का भी था। यहां भी डेरा सचखंड बल्ला के गद्दीनशीन निरंजन दास का भव्य स्वागत हुआ। कैंट स्टेशन से गुरु की जन्मस्थली सीरगोवर्धनपुर तक गुरु की अगवानी के लिए भीड़ उमड़ी रही। मंदिर पहुंचकर निरंजन दास ने संत रविदास के गुरु के चरणों में सिर झुकाया। उनके दर्शन किए। विभिन्न प्रांतों से एक लाख से अधिक संगत पहुंची है। ये चल रही हैं सेवाएं
गुरु की जयंती पर मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के मंदिर में दर्शन से लेकर लंगर छकने तक की सेवाएं शुरू हैं। सभी पंडालों के पास लंगर बने हुए हैं। स्वास्थ्य शिविर, रसोई घर, लंगर हॉल, कंट्रोल रूम, अस्थायी पुलिस चौकी आदि सेवाएं शुरू हो गई हैं। मंदिर के पास बने जोड़ा घर और पास में ही जूते पॉलिश और मरम्मत का कार्य भी श्रद्धालु कर रहे हैं।

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