गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय एवं शिक्षक शिक्षणेत्तर वेलफेयर एसोसिएशन के सातवें वार्षिक अधिवेशन में श्रम राज्यमंत्री कैलाश पंत ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विद्यालय शारदा का एक मंदिर है। इस मंदिर में संस्कृति और संस्कारों की शिक्षा दी जाती है। यह वह स्थान है, जहां से देश के लिए क्रान्तिकारियों, शिक्षाविदों और पत्रकारों ने कार्य किया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ सोमदेव शतांशु ने कहा गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय को एक बोर्ड बनाया जाएगा। जिससे देश के सभी गुरुकुलों को जोड़ा जाएगा। गुरुकुल हमारी सभ्यता है और गुरुकुल में शिक्षा कार्य हमारी संस्कृति है। इस संस्कृति को पल्लवित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर की चेतना कार्यक्रम को संचालित किया जाएगा। विद्यालय विभाग के मुख्याधिष्ठाता डॉ़ दीनानाथ शर्मा ने कहा कि एसोसिएशन के पदाधिकारी संस्था के साथ मिलकर काम करें, जिससे संस्था नए-नए पायदानों पर अपना वर्चस्व स्थापित कर सके। यूनियन और संस्था एक सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों को एकसाथ मिलकर कार्य करना चाहिए।प्रत्येक एसोसिएशन संस्था के लिए लाभकारी सिद्ध होती है। भाजपा रुड़की जिलाध्यक्ष शोभाराम ने कहा कि गुरुकुल का नाम देशभर में फैला हुआ है और यहां के विद्यार्थियों ने इतिहास रचा है। 22 जनवरी को सभी हिंदुवादी परंम्परा से जुड़े लोग अपने घर के सामने 11-11 दीपक जलाने चाहिए।