संत श्री त्रिदंडी स्वामी के शिष्य जीयर स्वामी ने अपने अनुयायियों के साथ शुक्रवार को यमुनोत्री के दर्शनकर पूजन किया। इस दौरान जीयर स्वामी ने गंगा की महिमा और परिचय देते हुए कहा कि संपूर्ण जगत जिस गंगा के जल से अपनी साधना को पूर्णता प्राप्त करता है। वह गंगा जी बक्सर बिहार की बेटी है। कहा कि कश्यप ऋषि एवं माता अदिति ने बक्सर में ही तपस्या किया था। साथ ही अपने पुत्र रूप में भगवान श्रीमन नारायण को प्राप्त करने की कामना की थी। उसी कश्यप ऋषि की तपस्या से प्रभावित होकर श्रीमन्नारायण भगवान ने बावन भगवान के रूप में बक्सर में अवतरित हुए एवं देवताओं की मंगल कामना के लिए राजा बली के यज्ञ में जाकर तीन पग भूमि की याचना की। जीयर स्वामी ने कहा कि पहले पग में ही भगवान बामन ने ब्रह्म लोक नाप लिया। ब्रह्मा ने भगवान के चरणों को धोकर चरणामृत लिया एवं कमंडल में रख लिया। इसलिए वह गंगा भगवान बामन की पुत्री हुई। वही गंगा ब्रह्मा के कमंडल में बहुत दिन तक पड़ी रही। जिस गंगा को भगवान के चरणमृत स्वरूप ब्रह्मा ने प्राप्त किया। वहीं गंगा महाराज सागर के पुत्रों के तरण तारण हेतु उनके वंशज भागीरथ ने गंगा को इस धराधाम पर लाने के लिए प्रार्थना की तो वही स्वर्ग की गंगा भगवान शंकर की जटा से होते हुए जिस स्थल पर उतरी वा स्थान गंगोत्री के नाम से जाना गया।