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शक्तिफार्म। गुरुग्राम स्थित श्री श्री हरिचांद गुरुचांद धर्म मंदिर में मतुआ संप्रदाय के संस्थापक श्रीश्री हरिचांद ठाकुर की जयंती पर शुक्रवार को चार दिनी मतुआ मिलन समारोह शुरू हुआ। इस दिन अधिवास के तहत गंगा पूजा, कलश स्थापना के साथ मतुआ ध्वज को स्थापित किया गया। पारंपरिक परिधान में महिलाओं ने मंदिर परिसर में बने कृत्रिम कामना सागर में गंगा पूजन के बाद परिक्रमा की।
तीन हजार वर्ग मीटर के कृत्रिम तालाब में ठाकुर जी के जन्मस्थान श्री ओढ़ाकांदी धाम बांग्लादेश सहित सात समुद्र और देश की प्रमुख 13 नदियों से लाएं गए जल को डालकर कामना सागर में तब्दील किया गया है। बताया गया कि मधु कृष्ण त्रयोदशी की पवित्र तिथि पर शनिवार को मतुआ संप्रदाय के अनुयायी तन-मन की स्वच्छता, शुद्धता और सुख समृद्धि की कामना करते हुए महावारुणी स्नान करेंगे। इसमें यूपी, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा सहित अन्य राज्यों से अनुयायियों के पहुंचने की उम्मीद है।
तीन हजार वर्ग मीटर के कृत्रिम तालाब में ठाकुर जी के जन्मस्थान श्री ओढ़ाकांदी धाम बांग्लादेश सहित सात समुद्र और देश की प्रमुख 13 नदियों से लाएं गए जल को डालकर कामना सागर में तब्दील किया गया है। बताया गया कि मधु कृष्ण त्रयोदशी की पवित्र तिथि पर शनिवार को मतुआ संप्रदाय के अनुयायी तन-मन की स्वच्छता, शुद्धता और सुख समृद्धि की कामना करते हुए महावारुणी स्नान करेंगे। इसमें यूपी, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा सहित अन्य राज्यों से अनुयायियों के पहुंचने की उम्मीद है।
चार दिवसीय कार्यक्रम
शक्तिफार्म। आयोजन समिति के अध्यक्ष जयंत मंडल ने बताया कि शनिवार को दोपहर 12 बजे से हावारुणी स्नान शुरू होगा। इस दौरान मंदिर परिसर में क्रमबद्ध अखंड हरिनाम कीर्तन और अटूट भंडारा जारी रहेगा। सात अप्रैल को ठाकुर जी के जीवनी पर बांग्ला नाटक प्रदर्शित किया जाएगा और आठ अप्रैल को सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ सम्मेलन का समापन होगा।
शक्तिफार्म। आयोजन समिति के अध्यक्ष जयंत मंडल ने बताया कि शनिवार को दोपहर 12 बजे से हावारुणी स्नान शुरू होगा। इस दौरान मंदिर परिसर में क्रमबद्ध अखंड हरिनाम कीर्तन और अटूट भंडारा जारी रहेगा। सात अप्रैल को ठाकुर जी के जीवनी पर बांग्ला नाटक प्रदर्शित किया जाएगा और आठ अप्रैल को सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ सम्मेलन का समापन होगा।