विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के निर्देश पर शुक्रवार को नमामि गंगे परियोजना से जुड़े राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ स्थानीय अधिकारियों ने गंगा की सहायक नदियां खोह, सुखरो और मालन के तटों का संयुक्त निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सीवरेज प्रबंधन, बाढ़ सुरक्षा योजना, नालों की टेपिंग, सीवेज शोधन संयंत्रों के निर्माण के साथ ही स्नान घाट और मोक्ष घाटों के निर्माण की संभावनाएं टटोलीं।

संयुक्त निरीक्षण टीम में शामिल राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप (एसपीएमजी) नमामि गंगे, सिंचाई विभाग, पेयजल व नगर निगम के अधिकारियों ने शुक्रवार सुबह कण्वाश्रम में मालन नदी व खोह नदी के तट पर स्थित सिद्धबली मंदिर के आसपास के गंदे नालों का स्थलीय निरीक्षण किया। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अजय कुमार ने बताया कि बीते एक जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष ने नमामि गंगे के अधिकारियों के साथ देहरादून में समीक्षा बैठक ली थी। उसी बैठक के क्रम में गंगा एवं इसकी सहायक नदियों को प्रदूषण नियंत्रण एवं जनसुविधा विकसित किए जाने के लिए संयुक्त निरीक्षण कार्यक्रम निर्धारित किया गया था। संयुक्त निरीक्षण टीम ने सीवेज एवं रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के कार्यों की तर्ज पर कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र में सुखरो, मालन एवं खोह नदी तटों पर स्नान व मोक्ष घाटों का निर्माण, नालों की टेपिंग, सीवेज शोधन संयंत्रों के निर्माण और बाढ़ सुरक्षा योजना के लिए संभावनाएं टटोलीं। नमामि गंगे परियोजना के तहत विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, भारत सरकार को योजनाएं भेजी जाएंगी।इस दौरान राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप नमामि गंगे के पर्यावरण विशेषज्ञ अक्षय कुमार, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट आफिसर पीयूष कुमार सिंह, सामाजिक प्रबंधन विशेषज्ञ डॉ. पूरन चंद्र जोशी, संचार विशेषज्ञ पूरन कापड़ी, पेयजल निगम, जलसंस्थान, नगर निगम और सिंचाई विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

By Tarun

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand