निर्जला एकादशी के मौके पर सोमवार को हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस दौरान भक्तों ने स्नान और दान कर पुण्य प्राप्त किया।

गंगा दशहरा पर हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई
वहीं इससे पहले रविवार को गंगा दशहरा पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा की पूजा अर्चना करके डुबकी लगाई और दान करके पुण्य कमाया। हरिद्वार जिले की सीमाएं सील होने के दावे के बावजूद बारिश और कोविड की चिंता छोड़ बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार पहुंचे।

हरकी पैड़ी समेत आसपास के घाटों पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया। श्रीगंगा सभा पदाधिकारियों ने विधि विधान से गंगा की पूजा अर्चना की। देर शाम तक हरकी पैड़ी और आसपास घाटों पर स्नान चलता रहा। पुलिस-प्रशासन के सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाए जाने के दावे हवा हवाई साबित हुए।

पुलिस प्रशासन ने 19 जून की रात से प्रदेश की सीमाएं सील करने का दावा किया था। गंगा स्नान पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी शनिवार रात से ही श्रद्धालुओं का धर्मनगरी पहुंचना शुरू हो गया था। सुबह चार बजते ही घाटों पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगानी शुरू कर दी। स्थानीय लोगों के साथ ही हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पहुंचे।

रविवार की सुबह को पुलिस ने हरकी पैड़ी और मालवीय घाट को जाने वाले मार्ग पर बैरियर लगाकर बंद कर दिया था। यहां पुलिस की तैनाती की गई थी। बैरियर पर पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच नोकझोंक होती रही। श्रद्धालुओं से सुभाष घाट, विष्णुघाट, शिव घाट और अस्थि प्रवाह घाट पर स्नान किया।

मायापुर स्थित ओमपुल घाट से गंगा को  कनखल की ओर डायवर्ट कर दिया था। जिससे गोविंद घाट, सदानंद घाट, भगत सिंह घाट, खन्ना नगर, प्रेमनगर आश्रम समेत अन्य घाट पर जल नहीं था। इन घाटों के आसपास रहने लोगों को भी स्नान के लिए हरकी पैड़ी जाना पड़ा।

पुलिस की तैयारियां रह गई धरी
गंगा दशहरा पर पुलिस ने बॉर्डर को सील करने की बात कही थी। पुलिस की सभी तैयारियां धरी की धरी रह गई। बॉर्डर पर सख्ती के बावजूद पार्किंगों में दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान व यूपी के नंबरों के चौपहिया वाहन नजर आए। जबकि पुलिस प्रशासन ने शनिवार को दावा किया था कि जनपद के सभी बॉर्डर से 27 हजार वाहन लौटाए हैं।

 

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