मां अन्नपूर्णा मंदिर में अन्नकूट के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। हर वर्ष मां के दरबार में लाखों भक्तों का जुटान होता है। दर्शन-पूजन के साथ मां के खजाने का हिस्सा प्रसाद स्वरूप ग्रहण करते हैं। काशी को अन्न-धन का आशीर्वाद देने वाली मां अन्नपूर्णा की रसोई इस बार उत्तर और दक्षिण के मसालों से महकेगी। माता के अन्नकूट प्रसाद के लिए केरल से इलायची तो नेपाल से विशेष मसाले मंगाए गए हैं। मंदिर में माता के अन्नकूट का भोग प्रसाद तैयार होना शुरू हो गया है। बुधवार को मिष्ठान बनाने का काम आरंभ हो गया है। मां अन्नपूर्णा के मंदिर में लगातार 253वें साल स्वर्णमयी अन्नपूर्णा का दर्शन 29 अक्तूबर से दो नवंबर तक होगा। अन्नपूर्णा मंदिर का पूरा परिसर देशी घी और विशेष मसालों की खूशबू से सुवासित हो चुका है। मंदिर परिसर में माता के भोग के लिए मिठाई, नमकीन और प्रसाद तैयार किया जा रहा है।यह पहला मौका है जब माता की रसोई तैयार करने के लिए केरल से इलायची और नेपाल से विशेष मसाले भक्तों ने भेजे हैं। लगातार यह दूसरा साल होगा जब देश भर के श्रद्धालु माता के स्वर्णमयी स्वरूप के पांच दिन दर्शन कर सकेंगे। मंदिर में 105 कारीगर दिन और रात माता के अन्नकूट का 56 भोग प्रसाद तैयार करने में लगे हुए हैं। दशहरे से भोग निर्माण का कार्य शुरू हुआ है जो 28 तक अनवरत चलेगा। सभी कारीगर सुबह गंगा स्नान करने के बाद ही माता का भोग बनाने के लिए मंदिर में प्रवेश करते हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Uttarakhand