ब्रज में प्रवेश कर लिया है इसका अहसास भव्य प्रवेश द्वार को देखकर हो सकेगा। इन प्रवेश द्वार से ब्रज की परंपरागत कला-संस्कृति के दर्शन होंगे।

मथुरा के पांच प्रवेश मार्गों पर भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। प्रवेश द्वार स्थापत्य और कला की दृष्टि से भव्य और आभा संपन्न होंगे, जिन्हें देखकर बाहर से आने वाले लोगों को अहसास हो जाएगा कि ब्रज की पावन धरा पर वे पहुंच चुके हैं। यहां ब्रज की परंपरागत कला-संस्कृति के दर्शन होंगे। यह पूरी परियोजना करीब 17.58 करोड़ रुपये की है। प्रवेश द्वार बनाए जाने के लिए स्थान चिन्हित कर लिए गए हैं।ब्रज के प्रमुख तीर्थ स्थलों और अन्य प्रसिद्ध स्थलों पर विकास कार्य कराए जा रहे हैं, लेकिन मथुरा जिले की सीमाओं पर लंबे समय से ऐसे विकास कार्यों की कमी महसूस की जा रही थी, जिनसे पता चल सके कि मथुरा धर्म-आध्यात्म और पर्यटन की दृष्टि से कितना महत्वपूर्ण है। इसी के चलते उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने मथुरा जिले के पांच प्रवेश मार्गों पर भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे। ये प्रवेश द्वार मथुरा की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करेंगे, जहां श्लोक आदि भी लिखे होंगे, तो भगवान की लीलाओं का चित्रण भी होगा। इनमें आगरा-मथुरा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित रैपुराजाट फरह बॉर्डर, अलीगढ़-मथुरा मार्ग पर साथिनी बार्डर पर, दिल्ली-मथुरा राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कोटवन बॉर्डर पर, हाथरस-मथुरा मार्ग स्थित सोनई बार्डर पर और गोवर्धन-मथुरा मार्ग पर गांव अड़ींग के समीप प्रवेश द्वार बनेंगे। प्रवेश द्वार बनाए जाने के लिए चिन्हित स्थानों पर कार्रवाई की जा रही है।