भवाली (नैनीताल)। कैंची मेला आज है। बाबा नीब करौरी महाराज के देसी-विदेशी भक्त यहां पहुंचेंगे। कोरोना के मद्देनजर दो साल बाद इस बार मेला आयोजित किया जा रहा है। ऐसे में एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। मंदिर ट्रस्ट भक्तजनों के ठहरने, प्रसाद और मार्गों की व्यवस्थाओं में जुटा हुआ है।
अल्मोड़ा मार्ग पर भवाली से आठ किमी दूर बने कैंची धाम में हर वर्ष 15 जून को प्रतिष्ठा दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर भक्तजनों के लिए प्रसाद के लिए मालपुए बनाए जाते हैं। भक्त सबसे पहले विंध्यवासिनी देवी के दर्शन करते हैं। देवी की स्थापना 15 जून 1973 को हुई थी। इसके बाद बजरंग बली, शिवजी और फिर वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद बाबा की प्रतिमा के आगे मत्था टेकते हैं। यहां वैष्णो देवी की स्थापना 15 जून 1974 को हुई थी।भक्तों की आस्था है कि बाबा नीब करौरी महाराज स्वयं मंदिर में किसी न किसी रूप में मौजूद हैं। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों की ओर से इस बार भी मेले की व्यापक तैयारियां की गईं हैं। ट्रस्ट के प्रबंधक विनोद जोशी के मुताबिक मेले में भीड़ बढ़ने की संभावना को देखते हुए अतिरिक्त द्वार बनाए गए हैं। साथ ही मेले के लिए पुलिस प्रशासन भी जुट गया है। उत्तराखंड परिवहन निगम मेले के लिए नैनीताल से विशेष बसें चला रहा है। मंदिर स्थल के बाहर पुलिस की ओर विशेष काउंटर लगाया गया है। मंदिर में मालपुए बनने का क्रम 12 जून से शुरू हो चुका है।
1964 से लगता है मेला
भवाली (नैनीताल)। वर्ष 1964 से कैंचीधाम में 15 जून को विशाल भंडारा लगता आ रहा है। पिछले कुछ वर्षों में भक्तजनों को मालपुए दिए जाते हैं। ट्रस्ट प्रबंधकों के मुताबिक वर्ष 1990 में मेले के दौरान यहां 45000 श्रद्धालु पहुंचे थे। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 1994 में 80000 और उसके बाद के वर्षों से यहां एक लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
शटल सेवा से कैंची तक पहुंचेंगे श्रद्धालु
भवाली (नैनीताल)। कैंची मेले के दौरान यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए शटल सेवा संचालित की जाएगी। श्रद्धालुओं के वाहनों को धाम से पहले ही रोक दिया जाएगा। वहां से शटल सेवा के जरिये श्रद्धालु धाम तक जाएंगे।
कैंची मेले को सफल बनाने के लिए एसपी क्राइम डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि खैरना से आने वाले वाहनों को कैंची धाम से पहले पनिराम ढाबे के पास रोका जाएगा। हरतपा सड़क के एक छोर पर पार्किंग की जाएगी। वहीं दोपहिया वाहनों को भवाली जंगलात बेरियर के पास रोका जाएगा जहां से श्रद्धालु शटल सेवा से कैंची जाएंगे। पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा रूट से आने वाले वाहन क्वारब, रामगढ़ होते हुए हल्द्वानी की ओर जाएंगे। उन्होंने बताया कि पुलिस को नीब करौरी महाराज की सेवा का मौका मिला है। श्रद्धालुओं को सही से दर्शन कराना है इसके लिए उन्होंने पुलिस कर्मियों और अधिकारियों से श्रद्धालुओं से अच्छा व्यवहार कर सेवा करने को कहा। उन्होंने पुलिस को पार्किंग, यातायात, भीड़ को सुव्यवस्थित रखने के लिए कहा। इस दौरान एसपी सिटी हरबंस सिंह, सीओ ट्रैफिक विभा दीक्षित, सीएफओ संजीवा कुमार, सीओ बलजीत सिंह भाकुनी, कोतवाल डीआर वर्मा, चौकी प्रभारी दिलीप कुमार आदि मौजूद रहे।