हरिद्वार कॉरिडोर का विकास कुंभ, कांवड़ और स्नान पर्व पर की भीड़ को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। मास्टर प्लान में पार्किंग की व्यवस्था, आस्था पथ के रखरखाव आदि पर भी बारीकी से काम किया जाएगा। इसके अलावा पौराणिक महत्व के स्थलों का अध्ययन कर विश्व स्तरीय स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है। हरिद्वार कॉरिडोर के मास्टर प्लान को लेकर शनिवार को मेला नियंत्रण भवन (सीसीआर) में जिलाधिकारी ने मास्टर प्लान तैयार कर रही फर्म ली एसोसियेट्स साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ बैठक की। इस दौरान लाइन विभागों को भी जरूर निर्देश दिए गए। डीएम ने हरकी पैड़ी एवं उसके आस-पास के क्षेत्रों के सौन्दर्यीकरण पर चर्चा की। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि मास्टर प्लान में प्रमुख रूप से कुंभ और कांवड़ के अलावा प्रतिवर्ष पड़ने वाले 15 प्रमुख स्नान पर्व की भीड़ को ध्यान में रखना होगा। शहर क्षेत्र की कुल जनसंख्या, फ्लोटिंग जनसंख्या, किस राज्य से अधिक श्रद्धालुओं का आगमन होता है, अखाड़ों की संख्या, इससे जुड़े लोगों की संख्या को ध्यान में रखते हुए कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अखाड़ों की पेशवाई का क्या-क्या रूट है, महाकुंभ, अर्द्धकुंभ, कांवड़ मेले, स्नान पर्व में कितने श्रद्धालुओं का आगमन होता है, किन-किन स्थानों में पार्किंग की व्यवस्था करनी होती है, आस्था पथ के रखरखाव आदि पहलुओं पर बारीकी से ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिस भी बिंदु पर जरूरत है सभी विभाग उस संबंध में जानकारी मुहैया कराएंगे। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए।