महामंडलेश्वर अवधूत बाबा का असली नाम अरुण गिरी महाराज है। यह लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं। महाकुंभ में उनसे मिलने आने वाले भक्तों को वह पौधे भेंट करेंगे। पायलट बाबा के शिष्य अरुण गिरि महाराज हर समय रत्न जड़ित स्वर्ण आभूषण से लदे रहते हैं।

हाथ में सोने के कंगन और हीरे से जड़ित घड़ी पहनने वाले अरुण गिरि महाराज कुंभनगरी में पहुंच गए हैं। यह पर्यावरण बाबा के नाम से भी विख्यात हैं। अब तक एक करोड़ से अधिक पौधे लगाने वाले पर्यावरण बाबा महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को करीब 50 हजार फलदार पौधे बांटने की तैयारी कर रहे हैं। वेशभूषा में यह किसी भी तरह से गोल्डने बाबा से कम नहीं दिखते। हीरे से जड़ित घड़ी के साथ ही शरीर पर रत्न और सोने के तमाम आभूषण पहने हुए हैं। महामंडलेश्वर अवधूत बाबा का असली नाम अरुण गिरी महाराज है। यह लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं। महाकुंभ में उनसे मिलने आने वाले भक्तों को वह पौधे भेंट करेंगे। पायलट बाबा के शिष्य अरुण गिरि महाराज हर समय रत्न जड़ित स्वर्ण आभूषण से लदे रहते हैं। इसमें हीरा जड़ित उनकी घड़ी भी शामिल है। अंगुलियों में दस तरह से रत्नों से युक्त अंगूठी धारण करते हैं। हाथ में चांदी का दंड हमेशा साथ रखने वाले पर्यावरण बाबा हाथ में सोने के कड़े और बाजू बंद पहनते हैं। स्फटिक और क्रिस्टल की कीमती आभूषण भी उनकी खास पसंद है। इनके शरीर पर मौजूद सभी आभूषणों के अलग-अलग महत्व और मान्यता हैं।
महाकुंभ में बांटेंगे 51 हजार फलदार पौधे
पर्यावरण प्रेमी अरुण गिरि जी महाराज महाकुंभ में 51 हजार से अधिक फलदार पौधे श्रद्धालुओं को बांटेंगे। उनका मानना है कि पेड़ों से ही जीवन को बचाया जा सकता है। अपने पहनावे के कारण आकर्षण का केंद्र बने रहने वाले पर्यावरण बाबा लोगों को पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूक करेंगे।