इसका प्रस्ताव मंदिर न्यास से पास हो गया है। इसे धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मंदिर के पुजारी, काशी के विद्वान, बीएचयू और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की मदद प्रशिक्षण अभियान को सफल बनाया जाएगा।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में मार्च से ही कर्मकांड और संस्कृत का प्रशिक्षण मिलेगा। इसका प्रस्ताव मंदिर न्यास से पास हो गया है। इसे धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मंदिर के पुजारी, काशी के विद्वान, बीएचयू और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रोफेसर की मदद प्रशिक्षण अभियान को सफल बनाया जाएगा। मंदिर परिसर में ही इच्छुक युवाओं को कर्मकांड और संस्कृत का प्रशिक्षण मिलेगा, फिर मंदिर में ही प्रशिक्षित किया जाएगा। युवाओं को पवित्रीकरण, नित्यकर्म, संकल्प विधि, स्वस्तिवाचन, गणेशाम्बिका पूजन, कलश स्थापना विधि और पूजन, षोडशमातृका पूजन, सप्तघृतमातृका पूजन, राजोपचार, षोडशोपचार पूजन के साथ ही रुद्राभिषेक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। मंदिर में दो-दो घंटे की कक्षाएं संचालित होंगी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष प्रो. नागेंद्र पांडेय ने बताया कि दो दिन के अंदर बैठक के बाद कर्मकांड और संस्कृत प्रशिक्षण के लिए कमेटी बनाई जाएगी। प्रशिक्षण सभी के लिए खुला होगा और कर्मकांड व संस्कृत का प्रशिक्षण लेने वाले युवा इसमें हिस्सा ले सकेंगे। यह निशुल्क होगा।