बाबा विश्वनाथ धाम में 42 घंटे में 17 लाख 74 हजार भक्तों ने हाजिरी लगाई। 24 घंटे में श्रद्धालुओं की संख्या ने रिकॉर्ड बनाया नया। इस दौरान 11 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे।

46 घंटा 45 मिनट तक लगातार अपने भक्तों को दर्शन देने के बाद बाबा विश्वनाथ ने विश्राम किया। महाशिवरात्रि से अनवरत शुरू हुए श्रद्धालुओं के दर्शन, पूजन और जलाभिषेक ने बृहस्पतिवार की रात्रि में शयन आरती के साथ विराम लिया। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की संख्या ने भी नया रिकॉर्ड बनाया। 24 घंटे में जहां 11 लाख 69 हजार 553 श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया वहीं 42 घंटे यानी 27 फरवरी को रात नौ बजे तक 17 लाख 74 हजार 641 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए।
बाबा विश्वनाथ के दरबार में बृहस्पतिवार को भी श्रद्धालुओं की कतार अनवरत चलती रही। पिछले 24 घंटे से लगातार बैरिकेडिंग में श्रद्धालु एक-एक करके धाम की ओर बढ़ रहे थे। बुधवार को मंगला आरती में 2:15 बजे से बाबा विश्वनाथ के मंदिर के कपाट खुल गए थे।
आम श्रद्धालुओं को मंदिर में भोर में चार बजे से प्रवेश दिया गया। इसके बाद जो श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन का सिलसिला शुरू हुआ वह अगले 46 घंटे 45 मिनट तक अनवरत चलता रहा। मंदिर के अधिकारी, सेवादार और कर्मचारियों को अलग-अलग शिफ्ट में मंदिर में तैनात किया गया था। बृहस्पतिवार की रात नौ बजे तक छह लाख पांच हजार 88 श्रद्धालुओं ने दर्शन पूजन किया।
मंदिर के गर्भगृह से सड़क तक लगी सात किलोमीटर से अधिक लंबी कतार 36 घंटों तक बनी रही। इसके बाद कतार की लंबाई सिमटने लगी और मंदिर के साढ़े पांच किलोमीटर के दायरे में श्रद्धालुओं की कतार अनवरत बनी हुई थी। महाशिवरात्रि पर काशी विश्वनाथ मंदिर में एक दिन में दर्शन पूजन का नया रिकॉर्ड भी बन गया। 24 घंटे में 11 लाख 69 हजार 553 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए जो कि एक दिन में अब तक की सर्वाधिक संख्या है। जबकि 2024 की महाशिवरात्रि में 10 लाख लोगों ने दर्शन किए थे।