परंपराओं के निर्वहन को लेकर काशी पूरे विश्वभर में प्रसिद्ध है। यही वजह है कि 501 साल से भी अधिक प्राचीन रंगोत्सव की परंपरा होली पर निभाई जाएगी। यहां होली के पर्व पर काशी के लोग धूलिवंदन पर मां चौसठ्ठी देवी के चरणों में पहला गुलाल अर्पित करते हैं।

परंपराओं से भी प्राचीन आदियोगी शिव की नगरी काशी में अनादि काल से परंपराएं प्रवाहमान हैं। बनारस में 501 साल से भी अधिक प्राचीन रंगोत्सव की परंपरा होली पर निभाई जाएगी। दिन भर रंग खेलने के बाद काशीवासी मुट्ठी भर अबीर-गुलाल मां चौसठ्ठी देवी के चरणों में अर्पित करते हैं और तंत्र की देवी से मुक्ति की कामना करते हैं।