श्रीकृष्ण की लीला स्थली सौभरि वन एशिया का सबसे बड़ा शहरी वन बनेगा। वन विभाग ने इसकी कवायद तेज कर दी है। 153 हेक्टेयर में फैले इस वन में विभिन्न प्रजातियों के धार्मिक आस्था से जुड़े पौधे लगाए जा चुके हैं। करीब 15 हेक्टेयर का रकवा पौधरोपण के लिए बचा है। यह कार्य पूरा होने के बाद सौभरि वन एशिया का सबसे बड़ा शहरी वन होगा।

भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन पेड़-पौधे से हरियाली से ओतप्रोत थी। श्रीकृष्ण ने गिरिराज पर्वत को उठाकर पर्यावरण के संरक्षण का संदेश भी दिया था, लेकिन वर्तमान स्थितियां अब पूरी तरह बदल गई हैं। वन विभाग द्वारा सेटेलाइट से जुटाए गए आंकड़े बताते हैं कि मथुरा जनपद में वन क्षेत्र कम हुआ है। इन स्थितियों को देखते हुए वन विभाग ने ब्रजभूमि में वन क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के साथ-साथ कृष्णकालीन पौधे लगाने की योजना बनाई है।
इसी के तहत विभाग ने श्रीकृष्ण की लीला स्थली वृंदावन में स्थित सौभरि वन का 23 हेक्टेयर भूमि कब्जामुक्त कराकर पौधरोपण किया गया है। करीब 15 हेक्टेयर भूमि में पौधरोपण का कार्य चल रहा है। वन की लताएं और वृक्षों की हरितिमा ब्रज के प्राचीन वैभव का अहसास कराएंगी।
सामाजिक वानिकी के प्रभागीय निदेशक रजनीकांत मित्तल ने बताया कि 153 हेक्टेयर में फैले सौभरि वन में कृष्णकालीन पौधे लगाए जा रहे हैं। करीब 15 हेक्टेयर का कार्य बाकी रह गया है। पौधरोपण कार्य पूरा होने के बाद यह वन एशिया का सबसे बड़ा शहरी बन होगा। फिलहाल में ही विभाग ने 23 हेक्टेयर वन का हिस्सा कब्जामुक्त कराया है।