परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि यूनिफाॅर्म सिविल कोड (यूसीसी) देश को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यूसीसी लागू होने पर एकता और अखंडता का जश्न होगा। उन्होंने कहा कि अब जनसंख्या नियंत्रण कानून की बारी है। यह एक चुनौती है। बुधवार को परमार्थ निकेतन परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में चिदानंद सरस्वती ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेशवासियों को यूनिफाॅर्म सिविल कोड के लिए बधाई दी। कहा, राष्ट्र एक नई करवट ले रहा है ऐसे में दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति की जरूरत है। यह ऐतिहासिक निर्णय लेकर मुख्यमंत्री ने कमाल कर धमाल मचा दिया है। यह समय शंका व शक का नहीं बल्कि हक का है। यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है कि हर धर्म, जाति, संप्रदाय, वर्ग के लिए पूरे देश में एक ही नियम। यूसीसी लागू करने से राष्ट्रीय अखंडता और लैंगिक न्याय को बढ़ावा मिलेगा। यह धार्मिक स्वतंत्रता और विविधता के लिए खतरा नहीं है बल्कि इससे एकता, एकरूपता और सद्भाव के वातावरण का निर्माण होगा। लिव-इन रिलेशन में रहने वाले सभी लोगों को डिक्लेरेशन देना पड़ेगा, इससे भारतीय संस्कृति बची रहेगी। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारे पास प्राकृतिक संसाधन सीमित है और जनसंख्या वृद्धि से संसाधनों पर जोर पड़ रहा है। इसलिए एक सख्त कानून की जरूरत है। अब समय आ गया कि हम दो हमारे दो और सब के दो। जिसके दो उसी को दो। नहीं तो हमारी आगे आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता।