परमार्थ निकेतन शिविर अरैल प्रयागराज में संत मोरारी बापू की रामकथा में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिरकत कर मानस कथा में सहभाग किया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रयागराज की पावन धरा पर परमार्थ निकेतन की ओर से आयोजित बापू की कथा में आने का मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ। मैंने देखा कि प्रयागराज के सारे घाट पावन श्रद्धालुओं से भरे हैं। यह भारत का दृश्य है, जो जाति-पाति से मुक्त भारत की एकता का संदेश दे रहा है। यह दृश्य अखंड भारत का मार्ग प्रशस्त करने का संदेश दे रहा है। संत मोरारी बापू ने मानस कथा का शुभारंभ मंगलभवन अमंगलहारी चौपाई से किया। बापू ने कहा कि मानस कथा मानसिक नेत्रों को जीवंत और जागृत करने का दिव्य माध्यम है। मानस कथा स्वयं में एक महाकुंभ है। संगम में स्नान करने के लिए हमें तन लेकर आना होता है और मानस, महाकुंभ कथा की त्रिवेणी में स्नान के लिए हमें अंतस के चक्षुओं को लेकर आना होता है। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि हम बहुत सौभाग्यशाली है कि हमें तीर्थराज प्रयाग महाकुंभ में आने का अवसर मिल रहा है। छह वर्ष में बाद एक अर्द्धकुंभ आता है, 12 वर्ष में कुभ आता है और जब 12 कुंभ हो जाते हैं तब महाकुंभ आता है। अगला महाकुंभ 2170 वें वर्ष में होगा। हम से पहले भी, हम और हमारे बाद भी शायद किसी को ऐसा अवसर प्राप्त होगा। हमें संगम के तट पर संगम के चरणों में संगम होने का अवसर मिल रहा है। हमारा जीवन संगम बने इसलिए तो यह अवसर प्राप्त हुआ है। 

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