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बीते साल सात फरवरी को ऋषि गंगा की आपदा में 206 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से 88 के शव बरामद किए जा चुके थे। एनटीपीसी के 140 श्रमिकों की भी इस आपदा में मौत हो गई थी।
तपोवन विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना की सुरंग से एक और मानव अंग बरामद हुआ है। कंपनी की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शिनाख्त के प्रयास किए लेकिन शिनाख्त नहीं हो पाई। ऋषि गंगा की आपदा के डेढ़ साल बाद भी सुरंग से शव और मानव अंग मिलने का सिलसिला जारी है। परियोजना के बैराज के पास सुरंग में पुनर्निर्माण का कार्य चल रहा है।
मंगलवार को परियोजना की निर्माणदायी संस्था हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी के सीनियर प्रशासनिक सहायक अंबादत्त भट्ट ने पुलिस को सूचना दी कि सुरंग के करीब 600 मीटर अंदर एक मानव अंग बरामद हुआ है।
जोशीमठ थाना प्रभारी विजय भारती ने बताया कि पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया। मानव अंग के शिनाख्त के प्रयास किए गए लेकिन शिनाख्त नहीं हो पाई है। जरूरी कार्रवाई के बाद डीएनए सुरक्षित रखा जाएगा।
बता दें कि बीते साल सात फरवरी को ऋषि गंगा की आपदा में 206 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें से 88 के शव बरामद किए जा चुके थे। एनटीपीसी के 140 श्रमिकों की भी इस आपदा में मौत हो गई थी, जिसमें कई श्रमिकों के शव परियोजना की टनल में फंसे हुए थे।
बैराज जलाशय में मिला अज्ञात शव
ऋषिकेश में बैराज जलाशय में एसडीआरएफ को सुबह एक अज्ञात शव मिला। मौके पर मौजूद लक्ष्मणझूला पुलिस टीम ने शव को शिनाख्त के लिए एम्स ऋषिकेश की मोर्चरी में रखवा दिया है। मंगलवार को एसडीआरएफ ने तपोवन चौकी क्षेत्र के नीम बीच में गंगा में नहाते समय गंगा में डूबे तीन किशोरों की खोज शुरू की। इस दौरान एसडीआरएफ को बैराज जलाशय के पास एक शव उतरता दिखाई दिया।
टीम ने शव को बैराज जलाशय से बाहर निकाला और लक्ष्मणझूला पुलिस के सुपुर्द कर दिया। एसडीआरएफ निरीक्षक कविंद्र सजवाण ने बताया कि मृतक पुरुष है और उसकी उम्र करीब 45 से 50 के मध्य लग रही है। बताया कि शव को शिनाख्त के लिए एम्स की मोर्चरी में रखवाया गया है। उन्होंने बताया कि मुनिकीरेती और लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र की सभी चौकियों को सूचित कर दिया गया है। कविंद्र सजवाण ने बताया कि नीम बीच पर गंगा में डूबे तीनों किशोरों का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है