चैत्र मास के पहले नवरात्र पर भक्तों ने मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की। घर और मठ-मंदिरों में विधि-विधान के साथ घट स्थापित किए गए। श्रद्धालुओं ने जौ की हरियाली बोई। भद्रकाली मंदिर, चंद्रेश्वर मंदिर, वीरभद्र, सोमेश्वर नगर, 72 सीढ़ी, आईडीपीएल दुर्गा मंदिर, विंध्यवासिनी, भुवनेश्वरी मंदिर, बाल कुंवारी माता मंदिर सहित कई मंदिरों महिलाओं ने माता के भजनों की प्रस्तुति दी। सुबह से लेकर शाम तक मंदिरों में भजनों की गूंज रही। मंदिरों में मां के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। डोईवाला में चैत्र नवरात्र के पहले दिन विभिन्न माता मंदिरों में श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर माता के दर्शन किए। घरों में घट स्थापना की गई। संकल्प के साथ नौ दिनों के उपवास शुरू किए गए। लच्छीवाला दून हाईवे पर स्थित प्राचीन माता मणिमाई मंदिर, प्राचीन नलों वाली देवी मंदिर, माता भद्रकाली मंदिर नकरौंदा, शक्ति भवन मंदिर, अग्रवाल धर्मशाला परिसर में स्थित मंदिर में पूजा अर्चना की गई। पंडित देवेद्र प्रकाश भट्ट ने श्रद्धालुओं को माता की महिमा बताई और नवरात्र के पूजन की विधि समझाई।