ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य सेक्टर ईको टूरिज्म योजना के तहत वन विभाग विभिन्न प्रभागों में विकास कार्य कराएगा। इसके लिए ईको टूरिज्म कोर कमेटी की ओर से 80 लाख रुपये मंजूर किए गए हैं। राज्य के प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी ने बताया कि राज्य सेक्टर ईको टूरिज्म योजना के तहत पिछले दिनों हुई ईको टूरिज्म कोर कमेटी की बैठक में विभिन्न प्रस्तावों को मंजरी दी गई है।
ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए 80 लाख रुपये स्वीकृति किए गए हैं। इस धनराशि को प्रभागों के वनाधिकारियों को जारी करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है। इसमें मुख्यमंत्री की घोषणाओं के प्रस्तावों को भी शामिल किया गया है।
योजना के तहत ये होने हैं काम
1. बार्सू से दयारा बुग्याल व रैंथल से दयारा बुग्याल ट्रैक के सुदृढ़ीकरण के लिए दस लाख रुपये स्वीकृत।
2. चंद्रबनी खालसा में कुमाऊंनी मंदिर के पास ईको पार्क का निर्माण के लिए 15.83 लाख रुपये स्वीकृत।
3. क्यारी नागटिब्बा से सुरकंडा तक पैदल ट्रैक के निर्माण के लिए 10 लाख रुपये स्वीकृत।
4. तराई पश्चिम वन प्रभाग के अंतर्गत फांटो क्षेत्र में सफारी जोन के निर्माण के लिए 15 लाख रुपये स्वीकृत।
5. भराड़ीसैंण में ईको ट्रैक और ईको पार्क की स्थापना के लिए 20 लाख रुपये स्वीकृत।
6. नागटिबा में व्यू प्वाइंट निर्माण व ताल की सफाई व सौंदर्यीकरण के लिए 19 लाख रुपये स्वीकृत।
ऋषिकेश में संजय झील का होगा उद्धार
राज्य सेक्टर ईको टूरिज्म योजना के तहत ऋषिकेश स्थित संजय झील का उद्धार भी हो सकेगा। इसके लिए शुरुआती चरण में 10 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। हालांकि यह राशि झील के उद्धार के लिए काफी कम है। प्राकृतिक जल से परिपूर्ण इस झील के उद्धार की वर्षों से मांग की जाती रही है, लेकिन हर बार कोई न कोई अड़चन सामने आ जाती है। ऋषिकेश के पर्यटन के लिहाज से झील का सौंदर्यीकरण होना महत्वपूर्ण है। अपने आप में एक पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को समेटे यह झील पर्यावरण के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यदि झील के उद्धार की यह कवायद आगे बढ़ती है तो ऋषिकेश को एक ओर पर्यटन स्थल मिल जाएगा। जो यहां के पर्यटन व्यवसाय को चार चांद लगाने में मदद करेगा।
वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए राज्य सेक्टर ईको टूरिज्म योजना के तहत स्वीकृत धनराशि संबंध वन प्रभागीय अधिकारियों को जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। इससे राज्य के ईको सिस्टम को सुधारने, पर्यटन को बढ़ावा देने और ग्रामीण स्तर पर स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
– राजीव भरतरी, प्रमुख वन संरक्षक (हौफ)