गढ़वाल मंडल आयुक्त के मुताबिक अतिवृष्टि के बाद से पूरे मंडल में एनडीआरएफ की 32 और एसडीआरएफ की 44 टीम लगी हैं। आठ मकान पूरी तरह से और 44 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 63 पशुओं की मौत हुई है।

शुक्रवार रात को भारी बारिश ने देहरादून और टिहरी जिले में कहर बरपाया। घटना के 36 घंटे बाद भी मलबे में दबे 13 लोगों का कोई पता नहीं लग पाया है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और प्रशासनिक टीम खोज एवं बचाव कार्य में जुटी है। टिहरी जिले के गवाड़ गांव में पांच लोग मलबे में दबे हैं। इसी जिले के गोदी कोठार गांव में मलबे में दबी महिला का भी पता नहीं चला पाया है। जिला प्रशासन ने इस महिला को शनिवार को पहले मृतक बताया था, जिसे अब लापता बताया गया है।

गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार के टिहरी जिले की महिला का शव बरामद नहीं हो पाया है, जबकि देहरादून में सौड़ा सरोली से रविवार को संजय कुमार 45 वर्ष निवासी भगत सिंह कालोनी देहरादून का शव बरामद हुआ है। गढ़वाल मंडल आयुक्त के मुताबिक अतिवृष्टि के बाद से पूरे मंडल में एनडीआरएफ की 32 और एसडीआरएफ की 44 टीम लगी है। टिहरी के गवाड़ गांव का घर मलबे के साथ बहुत नीचे चला गया है, जिससे बचाव कार्य में जुटी टीम को मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके अलावा देहरादून जिले के लापता सात लोगों के लिए भी सर्च ऑपरेशन जारी है।

आठ पूर्ण और 44 मकान आंशिक क्षतिग्रस्त

गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार के मुताबिक गढ़वाल मंडल में आठ मकान पूरी तरह से और 44 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। 63 पशुओं की मौत हुई है। प्रभावित क्षेत्रों में राशन और खाने के पैकेट पहुंचाए जा रहे हैं।

कृषि भूमि को हुए नुकसान का सर्वे शुरू

प्रदेश में अतिवृष्टि के बाद किसानों की भूमि को भी भारी नुकसान हुआ है। गढ़वाल मंडल आयुक्तके मुताबिक राजस्व विभाग की ओर से कृषि भूमि को हुए नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया गया है। अतिवृष्टि से राजकीय परिसंपत्तियों को भी काफी नुकसान हुआ है।

By Tarun

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