अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। इसके साथ ही उज्जैन में मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर स्थित श्री रामचंद्र और माता सीता की चरण पादुका स्थल पर भी विशेष अनुष्ठान किया जाएगा।
उज्जयनी तीर्थ पर मोक्षदायिनी मां शिप्रा के पावन तट पर भगवान श्री रामचंद्र जी ने त्रेता युग में अपने दिवंगत पिता राजा दशरथ के साथ समस्त पितरों के मोक्ष की कामना के साथ पिंडदान किया था। इसी वजह से तट को रामघाट कहा जाता है। अब इसी रामघाट पर 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के समय विशेष अनुष्ठान किया जाएगा।