इस वर्ष सवा लाख विद्वान संत महापुरुषो को सदस्य बनाने का अखाड़े का लक्ष्य। भगवान शिव माता पार्वती, भगवान गणेश गुरु गोरखनाथ भक्तों की सूक्ष्म आराधना से प्रसन्न होकर मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। महामंडलेश्वर श्री अनिल कृष्ण महाराज हरिद्वार 27 फरवरी 2025 को संयास रोड कनखल में गुरु श्री गोरखनाथ अलख अखाड़े के महामंडलेश्वर श्री अनिल कृष्ण महाराज ने भक्त
जनों के बीच उद्गार व्यक्त करते हुए कहां ,देवस्थली हरिद्वार भक्तजन मां गंगा में स्नान करने के साथ-साथ भगवान शिव की आराधना करने आते हैं ,जो इस पावन नगरी में सच्ची श्रद्धा और आस्था लेकर आता है, उसका लोक एवं परलोक दोनों सुधर जाते हैं। इस पावन धरा पर अपने पूर्वजों की याद में शिव पुराण श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करने से पूर्वजों को सद्गति प्राप्त होती है ,और आयोजन करने वाले को परिवार में सुख शांति समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है। महामंडलेश्वर श्री अनिल कृष्ण महाराज को हाल ही में गुरु श्री गोरखनाथ अलख अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया है ।कार्यक्रम गुरु श्री गोरखनाथ अलख अखाड़े के संत के संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थित के बीच श्री अनिल कृष्णा जी महाराज का महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक होने के तत्पश्चात सभी संत महापुरुष हरिद्वार के लक्सर रोड पर चल रहे अखाड़े के निर्माण कार्य के अवलोकन हेतु गये श्री अनिल कृष्ण महाराज को महामंडलेश्वर बनाये जाने के पश्चात एक विशाल शोभायात्रा निकल गई, जिसमें अनेकों बोगी रथो पर सवार होकर सुसज्जित अशव वाले रथ बैंड बाजो की धुन व जयकारों की गूंज के साथ संपूर्ण वातावरण भक्ति मय वातावरण में परिवर्तित हो गया । शोभा यात्रा को देखने के लिए सड़कों के दोनों तरफ स्थानीय नागरिकों की भीड़ लग गई, तथा शोभा यात्रा पर भक्तजनों द्वारा गुलाब तथा गंदे के फूलों की वर्षा की गई। शोभायात्रा समाप्ति के पश्चात महामंडलेश्वर श्री अनिल कृष्णा महाराज ने इस अवसर पर बोलते हुए अखाड़े के अध्यक्ष श्री संजीवन नाथ महाराज तथा अखाड़े के संत सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त किया। अध्यक्ष श्री संजीवन नाथ महाराज ने कहा ,महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर परम विद्वान परम तपस्वी श्री अनिल कृष्णा शास्त्री जी महाराज जोकि अनेको शास्त्रों के ज्ञाता है, एक परम तपस्वी विद्वान संत है, उन्हें अखाड़ा महामंडलेश्वर पद पर विभूषित करते हुए खुद को गौरवान्वित समझ रहा है, ऐसे प्रखर विद्वानों के अखाड़े से जुड़ने से अखाड़ा दिन प्रतिदिन संत महापुरुषों की एक भारी जमात जोडता जा रहा है। महामंडलेश्वर की पावन पदवी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो ज्ञान में त्याग में समर्पण में साक्षात भक्ति मय होकर ,ईश्वर में ध्यान चित हो गया हो, ऐसे महापुरुषों को उनके ज्ञान संवर्धन के स्वरूप मंडली के ईश्वर के रूप में महामंडलेश्वर पद पर विभूषित किया जाता है। जो ज्ञान में बुद्धि तर्पण में विवेक में और ग्रंथों के कंठस्थ ज्ञान से वह ईश्वर का प्रतिनिधि बनकर सत्य के मार्ग पर चलने वाले धर्मनिष्ठ लोगों को उनका मार्गदर्शन करते हुए, ईश्वर भक्ति की गाथा गाकर उन्हें सनातन से जोड़ते हुए ईश्वर भक्ति प्रदान करते हैं। इस पृथ्वी लोक पर सिर्फ दो ही अजन्में नाथ है, एक तो इस सृष्टि के रचयिता तथा श्रृंघार करता नाथों के नाथ भगवान श्री भोलेनाथ है जिन्होंने किसी माता के गर्व से जन्म नहीं लिया और दूसरे उन्हीं के परम अवतार हमारे सच्चे मार्गदर्शक गुरु हमारे प्रेरणा का स्रोत गुरु श्री गोरखनाथ है जिन्होंने माता के गर्व से जन्म नहीं लिया गुरु गोरखनाथ जी महाराज गोबर की कुडी से प्रकट हुए थे, इसीलिये उनके गुरु ने उनका नाम गोरखनाथ रखा भगवान श्री गुरु गोरखनाथ जी महाराज हर युग में अवतरित हुए हैं ।भगवान राम के स्वयंवर में भी उन्हें आमंत्रित किया गया था ।भगवान कृष्ण के युग में गुरु श्री गोरखनाथ ने जिस स्थान पर तपस्या की थी गुजरात में इस स्थान पर माता रुक्मणी तथा भगवान श्री कृष्ण का विवाह हुआ था। कहने का तात्पर्य यह है कि पृथ्वी लोक पर संत साक्षात ईश्वर के प्रतिनिधि के रूप में भक्तों के मार्गदर्शन हेतु अवतरित होते हैं, तथा धर्म-कर्म यज्ञ अनुष्ठान पूजा पाठ के माध्यम से भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखाते हैं ,तथा ईश्वर के शरणागत करते हैं। इस वर्ष अखाड़ा 51 महामंडलेश्वर बनाने का लक्ष्य पूर्ण करने के साथ-साथ सवा लाख से अधिक अखाड़े के सदस्य बनायेगा इस अवसर पर अपने श्री मुख से उदगार व्यक्त करते हुए महामंडलेश्वर श्री अनिल कृष्णा जी महाराज ने कहा ,जो भक्त भगवान की शरणागत हो जाते हैं उन्हें चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती। कदम कदम पर उनके मार्गदर्शन हेतु ईश्वर किसी न किसी रूप में उनके साथ खड़े होते हैं, आज मुझे गुरु गोरखनाथ अलख अखाड़े द्वारा महामंडलेश्वर पद पर आसीन किया गया है, मैं इस पद की गरिमा को सदैव बनाये रखुगां तथा भगवान श्री गुरु गोरखनाथ भगवान श्री नाथों के नाथ भोलेनाथ के चरणों में शरणागत होते हुए भक्ति मय होकर अन्य धर्म प्रेमियों को भी भक्ति रस का वर्ण कराने का प्रयास करूंगा। मैं बड़ा ही सौभाग्यशाली हूं की मोक्ष दाहिनी मां गंगा की पावन नगरी में संत महापुरुषों की पावन चरण स्थल पावन धरा हरिद्वार में मुझे महामंडलेश्वर जैसे गौरवान्वित पद पर विभूषित किया गया, मेरा जीवन धन्य हो गया इस अवसर पर बोलते हुए कोतवाल कमल मुनि महाराज ने कहा संतों का जीवन समाज को समर्पित होता है। संत महापुरुषों द्वारा किये जाने वाले कार्यों में जगत कल्याण की भावना निहित होती है। इस अवसर पर योगी परम पूज्य शंकर नाथ महाराज योगी परम पूज्य भारतनाथ महाराज अखाड़े के अध्यक्ष परम वंदनीय श्री संजीवन नाथ जी महाराज श्री सूर्य नारायण गोस्वामी स्वामी, स्वामी करुणा नंद गिरी महाराज ,रण महाराज स्वामी, गिरजानंद महाराज स्वामी ,किशन दास महाराज, धनराज गिरी महाराज, योगी भरतनाथ महाराज, महंत शांति प्रकाश महाराज, श्याम गिरी महाराज, श्रीदेवी लाल चंदेल, श्रीमती देवी चंपा बाई चंदेल, श्री यशवंत चंदेल, श्रीमती चंद्रलेखा चंदेल, सानिध्य चंदेल, ऐश्वर्या चंदेल, शुभम चंदेल, परवीन कश्यप ,कृष्णा सिंह, मनोजानन्द सहित भारी संख्या में संत महापुरुष तथा भक्तगण उपस्थित थे। इस अवसर पर बोलते हुए श्री अनिल कृष्ण महाराज ने कहा, अखाड़ा विश्व के कोने-कोने में जाकर सनातन की धर्म पताका फहराने हेतु कृत संकल्प है। इस वर्ष सवा लाख से भी अधिक बुद्धिजीवी संत महापुरुषों को अखाड़े से जोड़कर सदस्य बनाया जायेगा। गुरु श्री गोरखनाथ भगवान के मार्ग पर चलते हुए, अखाड़े के संत महापुरुष धर्म की अलख जगायेंगे।

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