दो मई से केदारनाथ यात्रा शुरू होगी। इस वर्ष पैदल और हेलिकॉप्टर से धाम पहुंचने वाले श्रद्धालु मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर बने 54 मीटर लंबे पुल से होकर मंदाकिनी नदी किनारे निर्मित आस्था पथ के रास्ते मंदिर पहुंचेंगे।

Kedarnath Yatra 2025 Now devotees will reach the temple from the bridge built on Kedarnath Sangam

आपदा के ग्यारह वर्ष बाद केदारनाथ मंदिर तक पहुंच के लिए स्थायी पैदल पुल बनकर तैयार हो गया है और इस वर्ष बाबा केदार के भक्त इसी पुल से होकर मंदाकिनी नदी किनारे बने आस्था पथ से मंदिर तक पहुंचेंगे। लोक निर्माण विभाग ने दो वर्ष में 54 मीटर लंबे पैदल पुल का निर्माण किया है।

इस पुल के बनने से हेलिपैड से मंदिर तक की दूरी भी कम हो गई है। आगामी 2 मई से केदारनाथ यात्रा शुरू होगी। इस वर्ष पैदल व हेलिकॉप्टर से धाम पहुंचने वाले श्रद्धालु मंदाकिनी व सरस्वती नदी के संगम पर बने 54 मीटर लंबे पुल से होकर मंदाकिनी नदी किनारे निर्मित आस्था पथ के रास्ते लगभग 450 मीटर की दूरी तय कर मंदिर में पहुंचेंगे।

यहां पर बाबा केदार के दर्शन कर श्रद्धालुओं को मंदिर मार्ग से वापस भेजा जाएगा। बीते दो वर्षों तक श्रद्धालु हेलिपैड से सरस्वती नदी किनारे बने आस्था पथ से होकर भैरवनाथ जाने वाले पुल से मंदिर तक पहुंच रहे थे।

इस दौरान उन्हें लगभग 800 मीटर की दूरी तय करनी पड़ रही थी। लेकिन, अब संगम पर बने पुल से यह दूरी 500 मीटर रह गई है।

16/17 जून 2013 में आपदा से केदारनाथ में व्यापक नुकसान हो गया था। तब सैलाब में संगम पर बना स्थायी पुल भी बह गया था। पुल के बहने के बाद मंंदिर तक पहुंच के लिए बैली ब्रिज बनाया गया था, जिससे बीते नौ वर्ष तक यात्रा संचालित होती रही।

केदारनाथ पुनर्निर्माण के तहत वर्ष 2022 में इस पुल को हटाकर स्थायी पुल का कार्य शुरू किया गया था। लोक निर्माण विभाग ने विषम परिस्थितियों में करीब ढाई वर्ष में इस पुल को तैयार किया है। अब इसी पुल के सहारे केदारनाथ मंदिर तक पहुंचा जाएगा।

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